गुमला. गुमला के घोर उग्रवाद प्रभावित चैनपुर प्रखंड के सुदूरवर्ती क्षेत्र पीपी बामदा में शुक्रवार को पड़हा जतरा समारोह हुआ. मुख्य अतिथि के रूप में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास मौजूद थे. बामदा गांव में 40 वर्ष से पुरखों की व्यवस्था पड़हा व्यवस्था के निमित्त शुक्रवार को पहान केश्वर मुंडा, महतो जमुना उरांव, मांझी विमल उरांव द्वारा पारंपरिक रूढ़ीजन विधि से अरवा चावल, धूप-धुवन, सिंदूर व चेंगना की मनौती देकर धर्मेश, धरती, सरना मां की पूजा कर गांव, घर, समाज, खेत, खलिहान सब की उन्नति कल्याण की कामना की. मुख्य अतिथि पूर्व मुख्यमंत्री समेत अन्य अतिथियों का स्वागत ढोल, मांदर, नागड़ा, नृत्य व गीत के साथ किया गया. मौके पर पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा कि जब देश में अंग्रेजों का शासन नहीं था. गांव में राजा व महाराज का शासन नहीं था. तब भी लोग जंगल व पहाड़ों में अपने पारंपरिक स्वशासन व्यवस्था के माध्यम से गांव व समाज को चलाया करते थे. अंग्रेजों को भागने का उलगुलान सबसे पहले आदिवासियों ने किया. आदिवासियों की सभ्यता व संस्कृति गौरवशाली है. हेमंत सोरेन विदेशी धर्म के दबाव में अबुआ राज के बबुआ मुख्यमंत्री पेसा कानून लागू नहीं कर रहे हैं. हेमंत सोरेन को डर है कि पेसा कानून लागू करने से उसकी सत्ता चली जायेगी. भाजपा सरकार ने जंगल व पहाड़ के लोगों को गांव से शहर तक जोड़ने के लिए पुल, सड़क व नेटवर्क आदि सुविधा देने का प्रयास किया. आज जो इस क्षेत्र में सड़कों का जाल दिख रहा है. टापू होने वाले गांवों तक जाने के लिए पुल नजर आ रहा है. यह सब भाजपा सरकार की देन है. उन्होंने कहा है कि इस क्षेत्र को नक्सल मुक्त करने का काम केंद्र सरकार ने किया है. मौके पर निशा भगत, पूर्व विधायक कमलेश उरांव, मंगल सिंह भोक्ता, रामावतार भगत, रकम उर्वस, गौरी किंडो, सुबाला उरांव, निकिता उरांव, सुप्रिया उरांव, सुगंती उरांव, प्रसाद मुंडा, छोटू उरांव, जगदीश मुंडा, कलेश्वर उरांव, केश्वर मुंडा, अमीन उरांव, मुनेश्वर साहू, हीरा साहू, भूपन साहू, शकुंतला देवी, जिप अध्यक्ष किरण माला बाड़ा, यशवंत सिंह, अनूप चंद्र अधिकारी आदि मौजूद थे.
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