Climate Change: सावन के महीने में ठूंठ हो गया बेल का पेड़, कीड़े के आक्रमण से विल्वपत्र को तरसे शिव भक्त

Climate Change: सावन के महीने गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड में बेल पत्र पर एक कीड़े का हमला हुआ है. इसे क्लाइमेट चेंज (जलवायु परिवर्तन) का असर भी माना जा सकता है. सावन की पहली सोमवारी पर ही मंदिर के आसपास के बेल के पेड़ों से पत्ते गायब हो गये हैं. एक पेड़ को पूरी तरह से ठूंठ हो गया है. बाकी के पेड़ों के आधे पत्ते गायब हो गये हैं. शिवभक्त और मंदिर के पुजारी इस बात से चिंतित हैं कि आने वाले दिनों में श्रद्धालु विल्वपत्र के बगैर कैसे अपनी पूजा पूरी करेंगे.

By Mithilesh Jha | July 14, 2025 8:45 PM
an image

Climate Change: सावन के महीने में विल्वपत्र (बेल पत्र) का अलग ही महत्व होता है. कहते हैं कि बेल पत्र के बिना भगवान भोलेनाथ की पूजा पूरी नहीं होती. झारखंड के गुमला जिले के बिशुनपुर प्रखंड में बेल का पेड़ पूरी तरह से ठूंठ हो गया है. एक भी बेल पत्र पेड़ पर नहीं है. बेल के पेड़ पर एक कीड़े का आक्रमण हुआ है. ये कीड़े बेल पत्र को खा गये. इसका खामियाजा शिवभक्तों को भुगतना पड़ रहा है.

Climate Change: ‘लीफ कैटर किलर’ का प्रकोप चरम पर

इन दिनों बिशुनपुर प्रखंड में ‘लीफ कैटर किलर’ नामक कीड़े का प्रकोप चरम पर है. ये कीड़े बेल के पत्ते खा रहे हैं. इससे श्रावण मास में शिवलिंग पर बेल पत्र अर्पित करने वाले शिव भक्तों को काफी परेशानी हो रही है. सबसे पहले इस कीड़े का आक्रमण सेरका के चट्टी स्थित शिवालय मंदिर के समीप लगे विशालकाय बेल के पेड़ पर हुआ. रातों-रात पेड़ के तमाम बेल पत्र इन कीड़ों ने खा लिया.

शिव मंदिर के पास वाले बेल के पेड़ पर नहीं एक भी पत्ता

सावन की पहली सोमवारी पर भक्त जब शिवालय पहुंचे, तो वे निश्चिंत थे कि मंदिर के पास बेल पत्र मिल जायेगा. यहां पहुंचने पर वे सन्न रह गये. वहां बेल पत्र उपलब्ध नहीं था. लोगों के मन में इस बात की चर्चा है कि आखिर सावन के महीने में ही कीड़े ने बेल के पेड़ पर क्यों हमला बोला है. श्रद्धालुओं ने बेल पत्र के लिए आसपास के पेड़ों का रुख किया, तो देखा कि वहां भी कीड़े का अटैक हुआ है.

झारखंड की ताजा खबरें पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें

मुश्किल से शिव भक्तों को पूजा के लिए बेल पत्र मिले

अन्य पेड़ों के आधे से अधिक पत्ते कीड़े खा चुके हैं. बहुत मुश्किल से भक्तों ने बेल पत्र की व्यवस्था की और शिवलिंग पर अर्पित किया. मंदिर के पुजारी टेमन दास ने शिव भक्तों से आग्रह किया है कि सावन माह में अगर भगवान शिव की पूजा बेल पत्र से करनी है, तो जल्दी करें. देरी हुई, तो कीड़े बेल पत्र खा जायेंगे और भक्तों को परेशानी होगी.

कटे-फटे या दागदार बेल पत्र माने जाते हैं अशुद्ध – ब्राह्मण

ब्राह्मणों ने कहा है कि दागदार या कटे-फटे बेल पत्र अशुद्ध माने जाते हैं. इसे शिवलिंग पर चढ़ाने से पूजा की शुद्धता भंग हो जाती है. उन्होंने कहा कि भगवान शिव को दागी बेल पत्र चढ़ाने से बचना चाहिए, क्योंकि यह अशुद्ध माना जाता है. भगवान शिव की पूजा में शुद्धता का बहुत महत्व है.

इसे भी पढ़ें : Political Donation: वेदांता ने भाजपा को 400 प्रतिशत अधिक चंदा दिया, कांग्रेस से दोगुना डोनेशन झामुमो को

बरसात के कारण पैदा हुए हैं कीड़े – कृषि वैज्ञानिक

बिशुनपुर मुख्यालय स्थित कृषि विज्ञान केंद्र के वैज्ञानिकों ने कहा है कि ‘लीफ कैटर किलर’ नमक कीड़े की उत्पत्ति बारिश की वजह से हुई है. कीड़े के प्रकोप से निबटने के लिए वैज्ञानिकों ने अब तक कोई कदम नहीं उठाया है. अभी पहली सोमवारी की पूजा हुई है. 3 सोमवारी अभी बाकी है. अगर सारे बेल पत्र कीड़े खा गये, तो भक्त कैसे अपनी पूजा पूरी करेंगे.

इसे भी पढ़ें

बंगाल की खाड़ी में चक्रवात का झारखंड पर दिखेगा असर, 16 जुलाई तक भारी से बहुत भारी बारिश का अलर्ट

Shravani Mela Special Trains: मधुपुर-गया और पटना-मधुपुर के बीच चलेगी श्रावणी मेला स्पेशल ट्रेन

IMD Red Alert: सावधान! कोल्हान में होगी अत्यंत भारी बारिश, IMD ने जारी किया रेड अलर्ट

मुठभेड़ में मृत पुलिसकर्मी के पेट में बम लगाने वाले एक्सपर्ट को कटीया जंगल ले जाने वाले योगेंद्र गंझू समेत 4 नक्सली गिरफ्तार

संबंधित खबर और खबरें

यहां गुमला न्यूज़ (Gumla News) , गुमला हिंदी समाचार (Gumla News in Hindi), ताज़ा गुमला समाचार (Latest Gumla Samachar), गुमला पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gumla Politics News), गुमला एजुकेशन न्यूज़ (Gumla Education News), गुमला मौसम न्यूज़ (Gumla Weather News) और गुमला क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version