जलमीनार होते हुए भी नदी व बोरिंग के गंदे पानी पर निर्भर 300 लोग
परेशानी. गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित जिरमी गांव में जल संकट
By Prabhat Khabar News Desk | June 11, 2025 10:47 PM
गुमला. गांव है, लोग हैं, सरकारी योजना भी है, लेकिन नहीं है, तो पीने के लिए साफ पानी. हम बात कर रहे हैं गुमला जिले के चैनपुर प्रखंड स्थित जिरमी गांव की, जहां हर घर नल जल योजना के तहत जलमीनार तो बनायी गयी, लेकिन पानी की किल्लत खत्म नहीं हो सकी. करीब 300 की आबादी और 50 घरों वाले इस गांव में जलमीनार की टंकी की क्षमता महज 5000 लीटर है, जो ग्रामीणों की जरूरतों के हिसाब से नाकाफी साबित हो रही है. परिणामस्वरूप ग्रामीण पीने से लेकर नहाने, कपड़े धोने और बर्तन साफ करने तक के लिए बोरिंग और नदी के गंदे पानी पर निर्भर हैं.
टुलू मशीन और नदी बना सहारा
पानी की किल्लत झेल रहे ग्रामीण बोरिंग में टुलू मशीन लगा कर पानी खींचते हैं, लेकिन वह पानी भी कई बार दूषित निकलता है. मजबूरी में उन्हें गांव से गुजरने वाली नदी से भी पानी लाना पड़ता है, जो न तो साफ है और न ही सुरक्षित.
ग्रामीणों की पीड़ा
चरकी देवी कहती हैं कि जलमीनार बनते समय हमने बड़ी टंकी की मांग की थी, लेकिन हमारी बात नहीं सुनी गयी. अब हाल यह है कि पीने तक का पानी भी नसीब नहीं होता. बिरसमुनी देवी ने बताया कि गांव में एक और जलमीनार की सख्त जरूरत है. अभी जो व्यवस्था है, वह नाकाफी है. प्रशासन को इस पर ध्यान देना चाहिए. आरती देवी ने कहा कि बोरिंग से पानी निकालते हैं, लेकिन वह भी कई बार पीने लायक नहीं होता. हम चाहते हैं कि प्रशासन एक और जलमीनार बनवाये. मीला देवी ने बताया कि हमलोगों को नहाने और बर्तन धोने के लिए तो छोड़िए, पीने के लिए भी नदी से पानी लाना पड़ता है. प्रशासन को हमारी स्थिति पर ध्यान देना चाहिए.
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