Home झारखण्ड गुमला नदियों का बढ़ा जलस्तर, टापू बने दर्जनों गांव

नदियों का बढ़ा जलस्तर, टापू बने दर्जनों गांव

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नदियों का बढ़ा जलस्तर, टापू बने दर्जनों गांव

गुमला. गुमला जिले लगातार तीन दिनों से हो रही भारी बारिश से पानी-पानी हो गया है. बारिश थमने का नाम नहीं ले रही है, जिससे जनजीवन पूरी तरह से अस्त-व्यस्त हो गया है. कई कच्चे मकान ढह गये हैं, सड़कों की हालत जर्जर हो चुकी है और नदियों का जलस्तर लगातार बढ़ता जा रहा है. भरनो प्रखंड के मलगो गांव में नदी किनारे बनी सड़क का अप्रोच पथ धंस गया है. यह सड़क कुछ ही माह पूर्व बनी थी, लेकिन बारिश के पानी ने इसे पूरी तरह ध्वस्त कर दिया. जारी प्रखंड में भी एक माह पहले बनी सड़क बारिश में धंस गयी है. पालकोट, घाघरा, रायडीह व बसिया प्रखंडों में कई कच्चे घर गिर चुके हैं. वहीं गुमला की लोसय नदी का जलस्तर इतना बढ़ गया है कि एक दर्जन से अधिक गांव टापू में तब्दील हो गये हैं. पठारी इलाकों व जंगलों के बीच बसे गांवों का शहर व प्रखंड मुख्यालयों से संपर्क कट चुका है. दक्षिणी कोयल नदी उफान पर है. बसिया पुल तक पानी पहुंच चुका है और अगर बारिश ऐसे ही जारी रही, तो पुल के ऊपर से भी पानी बहने की आशंका है. नागफेनी में पुराने पुल के ऊपर से पानी बह रहा है और नया पुल भी पानी की चपेट में आने को है. रायडीह प्रखंड में एक रिंग कुआं सात फीट नीचे जमीन में धंस गया है. डुमरी व सिसई में भी हालात गंभीर: डुमरी प्रखंड मुख्यालय समेत आसपास के ग्रामीण इलाकों में लगातार बारिश से जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है. ग्रामीण और मवेशियों का बाहर निकलना मुश्किल हो गया है. हालांकि, कुछ किसान हल-बैल लेकर खेतों में जुताई में जुट गये हैं. सिसई प्रखंड में भी मूसलाधार बारिश ने जनजीवन को थाम कर दिया है. यहां भी नदियों का जलस्तर बढ़ रहा है. नागफेनी नदी का उफान लोगों को अपनी ओर आकर्षित कर रहा है और कई लोग नदी का दृश्य देखने पहुंच रहे हैं. हालांकि अब तक किसी बड़े जानमाल के नुकसान की खबर नहीं मिली है. दुकानों और दफ्तरों में सन्नाटा: गुरुवार को गुमला के बाजार खुले जरूर, लेकिन बारिश के कारण ग्राहक नदारद रहे. यहां तक कि सरकारी कार्यालयों में भी आमजन की उपस्थिति न के बराबर रही.

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