गुमला मुठभेड़: दो उग्रवादियों के शव ले गये परिजन, तीसरे को पूछने कोई नहीं आया, परिजनों का छलका दर्द

Gumla Encounter: गुमला पुलिस व जेजेएमपी संगठन के बीच हुए मुठभेड़ में मारे गये तीन उग्रवादियों में से दो मृतकों के शव लेने कल रविवार को उनके परिजन पहुंचे. जबकि एक अन्य उग्रवादी की खोज-खबर लेने अब तक कोई नहीं आया है. इधर मृतकों का शव लेते हुए परिजनों का दर्द छलक पड़ा.

By Dipali Kumari | July 28, 2025 9:00 AM
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Gumla Encounter | गुमला, जॉली विश्वकर्मा/अजीत साहू: गुमला पुलिस व प्रतिबंधित उग्रवादी संगठन जेजेएमपी के बीच शनिवार को हुए मुठभेड़ में मारे गये सब जोनल कमांडर दिलीप लोहरा व समुद्र लोहरा के परिजन अखबार में खबर पढ़ने के बाद कल रविवार को घाघरा थाना पहुंचे. यहां से समुचित कागजी कार्रवाई के बाद परिजनों को गुमला सदर अस्पताल पोस्टमार्टम हाउस भेज दिया गया. शव लेने के बाद परिजनों ने गांव ले जा कर अंतिम संस्कार कर दिया. जबकि एक अन्य उग्रवादी का शव अब भी पोस्टमार्टम हाउस में ही पड़ा हुआ है. उसकी खोज-खबर लेने अब तक कोई नहीं आया है.

जीजा व बहन की मौत का बदला लेने के लिए बना था उग्रवादी

मृतक उग्रवादी दिलीप के भाई बिगू लोहरा शव लेने पहुंचे. वहीं समुद्र लोहरा के पिता साधु लोहरा ने उसका शव लिया. इस दौरान दिलीप के भाई बीगू ने बताया कि दिलीप 2012 में जेजेएमपी उग्रवादी संगठन में शामिल हुआ था. उग्रवादी संगठन में शामिल होने का कारण बताया कि वर्ष 2011 में आंजन काशीटोली में डायन बिसाही के आरोप में उसके जीजा व बहन की हत्या कर दी गयी थी. इसी प्रतिशोध में दिलीप उग्रवादी संगठन में शामिल हो गया. कई बार परिजनों ने उसे सरेंडर करने के कहा, लेकिन वह पुलिस के हाथों मारा गया.

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सितंबर में सरेंडर करने वाला था दिलीप

बिगू ने बताया कि दो महीने बाद सितंबर में दिलीप सरेंडर करने वाला था. इस संबंध में दो दिन पूर्व ही गुमला के एक वकील से कानूनी सलाह भी ली गयी थी. दिलीप सात भाई-बहनों में सबसे छोटा था. दिलीप का भाई बीगु राजमिस्त्री का काम करता है. वहीं एक भाई मोहित ट्रैक्टर चला कर अपना जीवन-यापन करता है. दिलीप की पत्नी और चार साल की एक बेटी व छह महीने का मासूम बेटा भी है.

घर में झूठ बोल जेजेएमपी संगठन में शामिल हुआ था समुद्र

मृतक समुद्र लोहरा के पिता साधु लोहरा ने बताया कि उसके चार बेटे हैं, समुद्र सबसे बड़ा था. सभी परिवार ईंट भट्ठा में काम करने के लिए हर साल दूसरे राज्य जाते थे. समुद्र भी साथ ही जाता था. दो महीने पहले समुद्र ने बताया कि वह इस बार ईंट भट्ठा नहीं जाकर चेन्नई की एक कंपनी में काम करने जा रहा है. हम लोगों ने खुशी-खुशी उसे दो महीने पहले घर से भेजा, जिसके बाद से उससे कोई संपर्क नहीं था.

बेटे को माफ करना नहीं चाहते पिता

बाद में पता चला वह दिलीप लोहरा के प्रभाव में आकर जेजेएमपी संगठन में चला गया और अंतिम में पुलिस की गोली से उसकी मौत हो गयी. साधु ने यह भी बताता है कि बेटे समुद्र ने पूरे परिवार से झूठ बोला और सभी को गुमराह किया. वह समुद्र को कभी माफ नहीं करना चाहते हैं.

तीसरे उग्रवादी की पहचान में जुटी पुलिस

इधर पुलिस मुठभेड़ में मारे गये तीसरे उग्रवादी की पहचान करने में जुटी हुई है. ताकि मृतक उग्रवादी के परिजनों को इसकी सूचना दी जा सके. फिलहाल तीसरे उग्रवादी का शव गुमला सदर अस्पताल के पोस्टमार्टम हाउस में ही रखा हुआ है.

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