गुमला. पालकोट प्रखंड के नौ पंचायतों में विकसित कृषि संकल्प अभियान (वीकेएसए) के तहत एक विशेष कृषि कार्यक्रम का आयोजन किया गया. कार्यक्रम में मुख्य अतिथि निदेशक राष्ट्रीय द्वितीयक कृषि संस्थान डॉ अभिजीत कर्ण नामकुम रांची मौजूद थे. डॉ कर्ण ने आदिवासी समाज की पारंपरिक कृषि संस्कृति की सराहना करते हुए कहा कि लाह की खेती आदिवासी समाज के लिए सोने के समान है. उन्होंने लाह उत्पादन के वैज्ञानिक तरीकों, बाजार की संभावनाओं व इससे होने वाली आय के विषय में किसानों को जानकारी दी. साथ ही कहा कि इस परंपरागत खेती को वैज्ञानिक तकनीकों से जोड़कर आजीविका को और मजबूत किया जा सकता है. कार्यक्रम के विशिष्ट वक्ता केवीके के प्रधान वैज्ञानिक डॉ. संजय कुमार ने मोटे अनाज (मिलेट्स) एवं धान की उन्नत खेती के विषय में विस्तृत जानकारी दी. उन्होंने कहा कि जलवायु परिवर्तन की चुनौती को देखते हुए मोटे अनाज की खेती को बढ़ावा देना जरूरी है. क्योंकि यह फसलें कम पानी में भी अच्छी उपज देती हैं. और पोषण से भरपूर होती हैं. डॉ योगेंद्र कुमार ने उन्नत किस्मों एवं कृषि यंत्रीकरण पर अपने विचार साझा किया. डॉ घोष ने किसानों को जल संरक्षण एवं मृदा स्वास्थ्य प्रबंधन की तकनीकों से अवगत कराया. वहीं डॉ निशा ने महिलाओं की भागीदारी को महत्वपूर्ण मानते हुए महिला कृषकों के सशक्तिकरण पर बल दिया. इस अवसर पर क्षेत्र के मुखिया, पंचायत प्रतिनिधि, प्रखंड स्तरीय कृषि पदाधिकारीगण एवं किसान मित्र सहित कार्यक्रम में कुल 1276 किसान मौजूद थे.
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