जगरनाथ पासवान, गुमला
गुमला जिले में अब प्रशस्त एप से दिव्यांग बच्चों की पहचान होगी. गुमला उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी ने सुंदर पहल की है. जिसका लाभ अब दिव्यांग बच्चों को मिलेगी. दिव्यांग बच्चों की समय पर पहचान और उचित सहायता सुनिश्चित करने के उद्देश्य से गुमला जिले के छह प्रखंडों कामडरा, चैनपुर, गुमला, जारी, रायडीह एवं सिसई के 925 शिक्षकों को प्रशस्त एप पर आधारित उन्मुखीकरण प्रशिक्षण दिया गया है. ताकि दिव्यांग बच्चों की पहचान आसानी से की जा सके. यह प्रशिक्षण जिला शिक्षा पदाधिकारी कविता खलखो के निर्देशन में डॉ मीतू सिन्हा एवं संबंधित प्रखंडों में कार्यरत रिसोर्स शिक्षकों द्वारा संचालित किया गया. कार्यक्रम का मुख्य उद्देश्य शिक्षकों को दिव्यांग विद्यार्थियों की पहचान की प्रक्रिया में तकनीकी दक्षता प्रदान करना था.
प्रशस्त एप एनसीइआरटी का विकसित एक विशेष तकनीकी साधन है, जो विद्यालय में अध्ययनरत सभी विद्यार्थियों की स्क्रीनिंग के लिए उपयोगी है. इस एप के माध्यम से शिक्षक प्रत्येक छात्र की जानकारी दर्ज करते हैं और 64 विकल्पों में से उपयुक्त विकल्प का चयन करते हैं. जिसके आधार पर एप स्वतः ही बच्चों का वर्गीकरण कर उन्हें विशेष आवश्यकता वाले छात्र के रूप में चिह्नित करता है. एप के माध्यम से प्राप्त आंकड़ों के आधार पर दिव्यांग बच्चों का यू-डाइस पोर्टल पर प्रविष्टि करना सरल हो जाता है. जिससे उन्हें आगे चलकर समुचित शैक्षणिक सहायता, संसाधन और योजनाओं का लाभ दिलाना आसान होता है.
गुमला जिले के 12 प्रखंडों में अब हर सप्ताह जनता दरबार जन शिकायत निवारण दिवस मनाया जायेगा. जिससे दूर-दराज, जंगल व पहाड़ में रहने वाले लोगों की समस्याओं का निदान प्रशासन कर सकेगा. जिला प्रशासन गुमला द्वारा आम नागरिकों की समस्याओं एवं शिकायतों के त्वरित निष्पादन को प्राथमिकता देते हुए एक अहम पहल की गयी. उपायुक्त कर्ण सत्यार्थी के निर्देश पर अब प्रत्येक सप्ताह प्रखंड सह अंचल स्तर पर जन शिकायत निवारण दिवस आयोजित किया जायेगा. ताकि ग्रामीणों को जिला मुख्यालय तक अनावश्यक यात्रा करने की आवश्यकता न हो और स्थानीय स्तर पर ही उनकी समस्याओं का समाधान सुनिश्चित किया जा सके. डीसी ने कहा है कि यह निर्णय जिला समन्वय समिति की बैठक में लिया गया है. जिसमें यह देखा गया कि बड़ी संख्या में ऐसी शिकायतें जिला जन सुनवाई दिवस में आती हैं, जो प्रखंड या अंचल स्तर पर ही हल हो सकती हैं. इससे आम नागरिकों को समय और पैसे की हानि होती है. उपायुक्त ने स्पष्ट निर्देश दिया है कि प्रखंड विकास पदाधिकारी व अंचल अधिकारी निर्धारित दिन को अनिवार्य रूप से कार्यालय में उपस्थित रहकर जनता की समस्याओं की सुनवाई करें तथा उसका शीघ्र समाधान सुनिश्चित करें. इसके अतिरिक्त यह भी निर्देशित किया गया है कि प्रत्येक माह कम-से-कम तीन से चार पंचायतों में जन शिकायत निवारण शिविर आयोजित किया जाये, ताकि पंचायत स्तर तक जन संवाद और समस्या समाधान की व्यवस्था सुदृढ़ हो सके.
गुमला प्रखंड में प्रत्येक शनिवार, रायडीह में प्रत्येक सोमवार, सिसई में प्रत्येक गुरुवार, भरनो में प्रत्येक बुधवार, पालकोट में प्रत्येक सोमवार, बसिया में प्रत्येक शनिवार, कामडारा में प्रत्येक बुधवार, चैनपुर में प्रत्येक गुरुवार, डुमरी में प्रत्येक शुक्रवार, जारी में प्रत्येक शुक्रवार, घाघरा में प्रत्येक सोमवार, बिशुनपुर में प्रत्येक मंगलवार को जनता दरबार लगेगा.
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