6 गुम 23 में मंच पर बीडीओ, थानेदार व अन्य लोग 6 गुम 24 में ताजिया के साथ लोग 6 गुम 25 में खेल करतब दिखाते लोग रायडीह. प्रखंड के पुरानी रायडीह गांव में रविवार को मुहर्रम के अवसर पर ऐतिहासिक ताजिया मिलान मेला सह मुहर्रम अखाड़ा का आयोजन किया गया. यह आयोजन वर्ष 1904 से लगातार होता आ रहा है, जो इसे एक गौरवशाली परंपरा बनाता है. इस अवसर पर प्रखंड के चार गांव नवागढ़ पतराटोली, बरगीडांड़, महुआ टोली और पुरानी रायडीहसे ताजिया लाकर उनका मिलान किया गया. मेले में फातिहाख्वानी कर इमाम हुसैन की शहादत को याद किया गया और अमन-चैन की दुआ मांगी गयी. ताजिया, सिपड़, शेरे अली की तलवार, जुल्फेकार और इमाम हुसैन की झांकी मेले का मुख्य आकर्षण रही. मुस्लिम युवाओं द्वारा अस्त्र-शस्त्र संचालन और खेल-कूद का प्रदर्शन किया गया, जिसने दर्शकों को मंत्रमुग्ध कर दिया. कार्यक्रम के मुख्य अतिथि बीडीओ प्रधान हंसदाक ने कहा कि सभी समुदायों की भागीदारी इस आयोजन को विशेष बनाती है. यह एकता पूरे देश के लिए मिसाल है. उन्होंने युवाओं से आग्रह किया कि वे इन पारंपरिक खेलों का नियमित अभ्यास करें, जिससे स्वास्थ्य भी बेहतर रहेगा. थाना प्रभारी कुंदन कुमार सिंह ने इमाम हुसैन की कुर्बानी को याद करते हुए सत्य के मार्ग पर चलने की प्रेरणा दी. वहीं थाना प्रभारी मुकेश प्रसाद टुडू ने मुस्लिम समुदाय से शिक्षा पर विशेष ध्यान देने की अपील की. इस अवसर पर चारों गांवों से आये बुजुर्गों, बुद्धिजीवियों और अभिभावकों को पगड़ीपोशी और बैच देकर सम्मानित किया गया. जुलूस नवागढ़ पतराटोली इमामबाड़ा से शुरू होकर नेशनल हाइवे-78 होते हुए कर्बला मोहल्ला तक गया, जहां ताजिया का मिलान हुआ. तत्पश्चात जुलूस पुनः इमामबाड़ा लौटकर संपन्न हुआ. कार्यक्रम में रश्मि मिंज, हाफिज जहीरूद्दीन हबीबी, तस्लीम खान, अशरफ राय लालो, तबरेज खान, मकसूद खान, खुर्शीद आलम, तौहीद आलम, विनोद गुप्ता, रितेश गुप्ता, राजेंद्र साहू सहित सैकड़ों श्रद्धालु उपस्थित थे। प्रशासन द्वारा सुरक्षा व्यवस्था भी सुदृढ़ रखी गयी थी.
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