जून माह में रिकॉर्ड 351.8 मिमी और चार जुलाई तक 50.2 मिमी बारिश

इस साल जनवरी से लेकर चार जुलाई तक जिले में हो चुकी है 575.3 मिमी बारिश

By Prabhat Khabar News Desk | July 5, 2025 11:34 PM
an image

गुमला. गुमला जिले में बारिश का सिलसिला लगातार जारी है. इस वर्ष अपेक्षा से भी अधिक बारिश हो चुकी है. इस साल जनवरी 2025 से लेकर चार जुलाई 2025 तक जिले में कुल 575.3 मिमी बारिश हो चुकी है, जिसमें सबसे अधिक बारिश जून माह में हुई है. जून माह में जिले भर में रिकॉर्ड कुल 351.8 मिमी बारिश हुई है. जून माह में एक से 14 जून तक छिटपुट बारिश हुई. इसके बाद 15 जून से जिले में रोजाना बारिश हो रही है. बतातें चले कि खरीफ मौसम में अच्छी खेती-बारी के लिए जून व जुलाई माह में पर्याप्त बारिश की आवश्यकता पड़ती है. जून माह में 205.3 मिमी व जुलाई माह में 299.7 मिमी तक बारिश की आवश्यकता पड़ती है. इतनी बारिश में किसान खेती के लिए खेत, बिचड़ा तैयार कर खेती-बारी का काम पूरा कर लेते हैं. लेकिन इस वर्ष जून माह में अपेक्षा से भी अधिक रिकॉर्ड तोड़ 351.8 मिमी बारिश हुई. वहीं इस साल के बीते महीनों की बात करें, तो जनवरी माह में 12 मिमी, फरवरी में 12.3 मिमी, मार्च में 18.2 मिमी, अप्रैल में 11.6 मिमी व मई माह में 28.3 मिमी बारिश की आवश्यकता पड़ती है, जिसके विरुद्ध जनवरी माह में बारिश ही नहीं हुई, जबकि फरवरी में महज 5.8 मिमी, मार्च में अपेक्षा से भी अधिक 34.8 मिमी, अप्रैल में 40.1 मिमी व मई माह में 92.6 मिमी बारिश हुई. इधर जुलाई माह में भी बारिश का सिलसिला जारी है. इस माह चार जुलाई तक पूरे जिले भर में 50.2 मिमी बारिश हो चुकी है.

40728 हेक्टेयर भूमि पर हो चुकी है धान की खेती

जिले में रोजाना हो रही बारिश के बीच खेती का काम जोर पकड़ रहा है. धान की खेती के लिए निर्धारित लक्ष्य 1.88 लाख हेक्टयेर के विरुद्ध चार जुलाई तक पूरे जिले में 40728 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो चुकी है, जिसमें सबसे अधिक खेती छींटा विधि से हुई है. छींटा विधि से 32812 हेक्टेयर व रोपा विधि से 7916 हेक्टेयर भूमि पर धान की खेती हो चुकी है. वहीं खरीफ की अन्य फसल मक्का 8100 के विरुद्ध 5753 हेक्टेयर, मोटे अनाजों में मड़ुआ 17 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 173 हेक्टेयर, दलहनों में दहर 16 हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 3367 हेक्टेयर, अन्य दलहन 2200 हेक्टेयर के विरुद्ध 244 हेक्टेयर तथा तेलहन में मूंगफली पांच हजार हेक्टेयर के विरुद्ध 3657 हेक्टेयर भूमि पर खेती हो चुकी है. इसके अलावा उरद, मूंग, कुल्थी, तील, सोयाबीन, सूर्यमुखी, सरगुजा, अरंडी आदि खरीफ फसलों की भी खेती होनी बाकी है.

लगातार बारिश धान की खेती के लिए बनी मुसीबत

जिले में प्रतिदिन हो रही बारिश धान की खेती के लिए मुसीबत बन रही है. किसानों की भी चिंता बढ़ी हुई है. रोजाना हो रही बारिश के कारण अधिकांश किसान धान का बिचड़ा तैयार नहीं कर पा रहे हैं और जिन किसानों का खेत में बिचड़ा तैयार हो रहा है. बारिश के कारण उनका बिचड़ा खराब होने की स्थिति में पहुंच जा रहा है. ज्ञात हो कि बीते वर्ष तक कई स्थानों पर ऐसा होता रहा है कि खेत में तैयार हो रहे बिचड़ा को तैयार होने के लिए सही से पानी तक नहीं मिल पाता था. लेकिन इस साल पानी की भरमार ही बिचड़ा के लिए परेशानी बना हुआ है. किसान कहते हैं कि इस साल बारिश तो अच्छी है. लेकिन रोजाना की बारिश के कारण बिचड़ा तैयार करने में परेशानी हो रही है. यदि स्थिति ऐसी ही रही, तो धान की खेती प्रभावित हो सकती है.

डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है

संबंधित खबर और खबरें

यहां गुमला न्यूज़ (Gumla News) , गुमला हिंदी समाचार (Gumla News in Hindi), ताज़ा गुमला समाचार (Latest Gumla Samachar), गुमला पॉलिटिक्स न्यूज़ (Gumla Politics News), गुमला एजुकेशन न्यूज़ (Gumla Education News), गुमला मौसम न्यूज़ (Gumla Weather News) और गुमला क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर.

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version