गुमला. विश्व बाल श्रम निषेध दिवस पर जिले के विभिन्न ग्रामों में पीएलवी द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया. उत्क्रमित प्लस टू उवि मुरकुंडा में विधिक सेवा प्राधिकार गुमला द्वारा कार्यक्रम आयोजित किया गया. मुख्य अतिथि पीडीजे ध्रुव चंद्र मिश्र ने कार्यक्रम का शुभारंभ किया. कार्यक्रम में बच्चों के अधिकार व उनसे संबंधित कानूनों के संबंध में बच्चों को जानकारी दी गयी. पीडीजे ने कहा कि विश्व बाल श्रम निषेध दिवस हर वर्ष 12 जून को मनाया जाता है, जिसका उद्देश्य बच्चों को बाल श्रम से मुक्त कर उन्हें शिक्षा व स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करना है. बच्चों का सही स्थान स्कूल है, कामकाजी स्थल नहीं है. यह दिन बाल श्रम के खिलाफ संघर्ष की ओर एक कदम है. यह हमें प्रेरित करता है कि हम हर बच्चे को शिक्षा, सुरक्षा व बेहतर जीवन देने के लिए मिल कर काम करें, ताकि बच्चे पढ़-लिख कर देश का नाम रोशन करें. शिक्षा का अधिकार के तहत छह से 14 वर्ष के बच्चों को अनिवार्य रूप से नि:शुल्क शिक्षा की व्यवस्था है तथा बच्चों की सुरक्षा एवं विकास के लिए सरकार द्वारा कई योजनाएं चलायी जा रही हैं. बच्चों के हित के लिए कई कानून बने हैं. उन्होंने किशोर न्याय अधिनियम, पॉक्सो एक्ट आदि के संबंध में जानकारी दी तथा बच्चों को नशा से दूर रहने की अपील की. कहा कि बच्चे किसी परिस्थिति में नशा के सेवन नहीं करें, अन्यथा उनका भविष्य अंधकार में हो जायेगा. डीएलएसए सचिव राम कुमार लाल गुप्ता ने भी बच्चों को कानून संबंधी जानकारी दी. उन्होंने बाल विवाह एवं बाल श्रम प्रतिषेध अधिनियम के संबंध में बच्चों को बताया. उन्होंने कहा कि बाल विवाह एक सामाजिक कुरीति है, जिसे हमें मिल कर दूर करना है. उन्होंने बच्चों से कहा कि शिक्षा प्राप्त करने में पैसा बाधक नहीं होता है. सरकार अभी हर तरह की सहायता दे रही है. इसलिए सभी बच्चे मन लगा कर पढ़ाई करें. लीगल एड डिफेंस काउंसिल के प्रमुख डीएन ओहदर ने भी कानून संबंधी जानकारी दी. प्रधानाध्यापक शांता नीतू कुजूर ने भी सभा को संबोधित किया. संचालन अस्थायी लोक अदालत सदस्य शंभू सिंह व धन्यवाद ज्ञापन शिक्षिका उर्मिला टोप्पो ने किया. मौके पर राजेश सिंह, प्रेम कुमार शाह, प्रकाश कुमार पांडे, शिव दयाल साहू, पंकज कुमार गुप्ता, उर्मिला टोप्पो, सूरज प्रकाश, सुरेंद्र कुमार आदि मौजूद थे.
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