जोहार झारखंड ऐप से मिल रही पर्यटन स्थलों को देशभर में पहचान, इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड में बनाया रिकॉर्ड

अब झारखंड के पर्यटन स्थल, ऐतिहासिक स्थल व धार्मिक स्थलों को देश-विदेश में भी पहचान मिल रही है. यह पहचान झारखंड के विभिन्न जिलों के स्टूडेंट ने मिलकर दिलाया है. द जोहार झारखंड ऐप बनाकर युवाओं ने इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड में रिकॉर्ड बनाया है.

By Prabhat Khabar Digital Desk | December 31, 2022 12:22 PM
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Jharkhand News: झारखंड के पर्यटक स्थल, ऐतिहासिक स्थल व धार्मिक स्थलों को देश-विदेश में पहचान मिल रही है. इस कार्य में झारखंड राज्य के 11 युवक युवती लगे हुए हैं. ये लोग द जोहार झारखंड ऐप बनाये हैं. जिसके माध्यम से राज्य के जितने भी टूरिज्म स्पॉट है. उसका प्रचार प्रसार कर रहे हैं. इतना ही नहीं ये सभी युवा प्रकृति संरक्षण पर भी काम रहे हैं. टूरिज्म को लेकर इन युवाओं ने कई अवार्ड भी जीता है. इनमें प्रमुख इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड व उत्तर प्रदेश से राष्ट्रीय प्रतिष्ठा अवार्ड मिला है. यूपी के मणिकर्णिका आर्ट गैलेरी में युवकों द्वारा खींची गयी टूरिज्म का फोटो भी लगाया गया है.

इन युवाओं ने बनाया है द जोहार झारखंड

झारखंड के विभिन्न जिलों के स्टूडेंट ने मिलकर द जोहार झारखंड बनाया है. जिनमें गुमला जिले से राहुल प्रताप रंजन, रवि कुमार रंजन, द जोहार झारखंड की फाउंडर राजलक्ष्मी, फाउंडर देवघर की तनवी आचार्य, जमशेदपुर के जासमीन आर, धनबाद के मयंक खंडेलवाल, राहुल कुमार साहू, आयुष विक्रांत, कंचन पांडे, अनुपम कुमार, राहुल नाग है. ये 11 युवक युवतियों के अलावा अन्य सदस्य भी हैं जो द जोहार झारखंड से जुड़कर टूरिज्म को देश विदेश में पहचान देने में लगे हुए हैं. इस कार्य में डॉ नीतिश प्रियदर्शी व पत्रकार दुर्जय पासवान इन युवाओं का सहयोग कर रहे हैं. इन युवाओं ने कहा है कि इसका मुख्य उद्देश्य झारखंड के टूरिज्म को पहचान मिले. जिससे देश विदेश के पर्यटक झारखंड घूमने आ सके. साथ ही झारखंड की जो प्राकृतिक बनावट है. उससे भी वाकिफ हो सके. पर्यावरण संरक्षण को भी लोग अपनाये.

राहुल प्रताप रंजन ने कहा कि झारखंड राज्य प्राकृतिक संपदा से परिपूर्ण है. यहां पर्यटक स्थल भरे पड़े हैं. जिसे सोशल साइट्स से लोगों तक पहुंचा रहे हैं. अपनी संस्कृति, कल्चरल, हेरिटेज के बारे में बता रहे हैं. झारखंड में बहुत ऐसे साइट है जो वर्ल्ड हेरिटेज है. जिसमें गुमला जिला का नवरत्नगढ़ है.

गरीब बच्चों को भी मदद कर रहे हैं

इन 11 युवाओं ने द जोहार अकेडमी की भी शुरुआत की है. जिसमें वैसे गरीब स्टूडेंट जो कि प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी कर रहे हैं. उन्हें स्टडी मेटेरियल देते हैं और उन्हें गाइड भी करते हैं. कैसे एग्जाम का तैयारी करें. क्लास-वन से लेकर ग्रेजुएशन लेवल (कोई भी स्कूल व यूनिवर्सिटी हो) के हर एक सब्जेक्ट के नोट्स प्रोवाइड कराते हैं. सैंकड़ों छात्रों को प्रतियोगिता परीक्षा की तैयारी नि:शुल्क करा रहे हैं. गरीब छात्रों को ही संभव मदद भी करते हैं.

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द जोहार झारखंड ने इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड बनाया

द जोहार झारखंड ने झारखंड के विभिन्न जिलों के पर्यटन स्थल, धार्मिक स्थल, शहीदों के गांव इन सभी का फोटो को कलेक्ट कर उन पर कोटेशन लिखा. जैसे प्राकृतिक का फोटो पर प्रकृति को बचाये. टोटल 1000 फोटो कोटेशन लिखा. राहुल ने बताया कि हम लोगों को फॉरेन कंट्री से भी एप्रिसिएशन मिला. ऑनलाइन कांफ्रेंस के माध्यम से हम लोगों ने झारखंड के कल्चर, संस्कृति, सभ्यता, पर्यावरण के बारे में अपनी राय रखें. इनफ्लुएंसर बुक ऑफ वर्ल्ड रिकॉर्ड भी बनाया है. मुंबई की एक कंपनी जो कि बहुत बड़ी फोटोग्राफ्स कंपनी है. उनमें हमारा फोटो सेलेक्ट हुआ है. गुमला के नवरत्न गढ़, मैक्लुस्कीगंज व गुमला के हीरा दाह का फोटो सेलेक्ट हुआ है. जोहार झारखंड की टीम के राहुल प्रताप रंजन, रवि कुमार रंजन, तनवी आचार्य, राजलक्ष्मी, जासमीन आर, कंचन पांडे को डिस्कवर का बैच मिला और अनेक सर्टिफिकेट्स मिले.

अगला लक्ष्य

इन युवाओं का अगला लक्ष्य इंडियन बुक ऑफ रिकॉर्ड, एशिया बुक ऑफ रिकॉर्ड व लिम्का बुक ऑफ रिकॉर्ड में नाम दर्ज कराना है. इसके लिए वे काम कर रहे हैं. झारखंड के प्रमुख स्थलों के 5000 फोटो कलेक्ट करने का लक्ष्य रखा गया है.

रिपोर्ट : दुर्जय पासवान, गुमला

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