JamshedpurNews : परसुडीह क्षेत्र के गदड़ा गांव में रविवार को दलमा राजा राकेश हेंब्रम की अध्यक्षता में दलमा सेंदरा की रणनीतियों में विचार-विचार विमर्श किया गया. राकेश हेंब्रम ने बताया कि आदिकाल से आदिवासी समुदाय दलमा पहाड़ में सेंदरा की परंपरा का निर्वहन करते आ रहे हैं. जिसमें पूर्वी सिंहभूम ही नहीं झारखंड, बंगाल, ओडिशा व बिहार से भी सैकड़ों सेंदरा वीर शिकार खेलने के लिए आते हैं. इस बार दलमा में बाघ के रहने तराई गांवों में विचरण करने की जानकारी मिली है. इससे सेंदरा वीरों को विचलित होने की जरूरत नहीं है. बाघ जंगल में रहने वाला प्राणी है. उसका जंगल में रहना कोई नयी बात नहीं है. उनकी संख्या आने वाले दिनों बढ़े और अन्य वन्य जीवों का भी वास स्थल दलमा बने. इससे दलमा की सुंदरता और बढ़ेगी. वन में वन्य जीवों का बढ़ता अच्छा संकेत होता है. उन्होंने कहा कि दलमा बुरू सेंदरा समिति हमेशा घने जंगलों में शिकार खेलने से पूर्व वन देवी-देवताओं का अनुमति मांगेगा. इसके लिए समय आने पर विशेष पूजा की जायेगी. पूजा के दौरान देवी-देवताओं का जैसा संकेत मिलेगा, सेंदरा समिति व सेंदरा वीर उसका अनुसरण करेगा. बैठक में राकेश हेंब्रम, लालसिंह गागराई, धानो मार्डी, भगत मुर्मू, रंजीत, राहुल सरदार,सुशील मुर्मू, सूरज हेंब्रम, साहेब हेंब्रम, राजा सोरेन, शंकर गागराई, संपूर्ण सांवैया, सुकराबारजो समेत काफी संख्या में ग्रामवासी मौजूद थे.
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