साइरस पालोनजी मिस्त्री का जन्म 4 जुलाई 1968 को हुआ था. वो शापूरजी पालोनजी ग्रुप के प्रमुख पालोनजी मिस्त्री के छोटे बेटे थे. साइरस मिस्त्री ने मुंबई के कैथेड्रल एंड जॉन कॉनन स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की थी. इसके बाद वे सिविल इंजीनियरिंग की पढ़ाई के लिए लंदन चले गये थे. उनके पास लंदन बिजनेस स्कूल से मैनेजमेंट में मास्टर डिग्री थी.
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साइरस ने 1991 में अपना फैमिली बिजनेस ज्वाइन किया था. उन्हें 1994 में शापूरजी पालनजी ग्रुप का डायरेक्टर नियुक्त किया गया था. उनके नेतृत्व में कंपनी ने भारत का सबसे ऊंचा रेसिडेंशियल टावर, सबसे लंबा रेलवे पुल और सबसे बड़े पोर्ट का निर्माण किया. पालोनजी ग्रुप का कारोबार कपड़े से लेकर रियल एस्टेट, हॉस्पिटेलिटी और बिजनेस ऑटोमेशन तक फैला हुआ है. दिसंबर 2012 को रतन टाटा ने टाटा संस के चेयरमैन पद से रिटायरमेंट ले लिया था. उसके बाद साइरस मिस्त्री को टाटा संस का चेयरमैन बनाया गया था. टाटा के 150 साल से भी ज्यादा समय के इतिहास में साइरस मिस्त्री छठे ग्रुप चेयरमैन थे. वे टाटा संस के सबसे युवा चेयरमैन भी थे.
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साइरस के पिता पालोनजी मिस्त्री 2006 में टाटा ग्रुप के बोर्ड से रिटायर हुए थे, जिसके बाद साइरस मिस्त्री ने उनकी जगह ली थी. पालोनजी मिस्त्री टाटा ग्रुप के सबसे बड़े शेयर होल्डर थे. अब भी मिस्त्री परिवार की टाटा संस में 18.4 प्रतिशत की हिस्सेदारी है. वे टाटा ट्रस्ट के बाद टाटा सन्स में दूसरे बड़े शेयर होल्डर्स हैं. हालांकि चार साल के अंदर ही 24 अक्टूबर 2016 को टाटा संस ने उन्हें चेयरमैन पद से हटा दिया था. उनकी जगह रतन टाटा को अंतरिम चेयरमैन बनाया गया था. इसके बाद 12 जनवरी 2017 को एन चंद्रशेखरन टाटा संस के चेयरमैन बनाये गये थे. इस विवाद को लेकर टाटा संस का कहना था कि मिस्त्री के कामकाज का तरीका टाटा सन्स के काम करने के तरीके से मेल नहीं खा रहा था. इसी वजह से बोर्ड के सदस्यों का मिस्त्री पर से भरोसा उठ गया था. इसी साल 28 जून को साइरस के पिता और बिजनेस टाइकून पालनजी मिस्त्री ( 93 ) का निधन हुआ था. साइरस और उनके पिता के निधन के बाद उनके परिवार में उनकी मां पाट्सी पेरिन डुबास शापूर मिस्त्री के अलावा दो बहनें लैला मिस्त्री और अलू मिस्त्री रह गयी हैं.
Posted By : Guru Swarup Mishra