दर्ज प्राथमिकी में कहा गया है कि गुरुवार की शाम साकची गोलचक्कर के पास वो मजिस्ट्रेट के रूप में प्रतिनियुक्त थे. गुरुवार की शाम 6 बजे भाजपा के कई नेता और करीब 200 कार्यकर्ता मशाल रैली लेकर आये और नारेबाजी करते हुए गोलचक्कर के पास चले गये.
भाजपा की इस मशाल रैली में पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास, सांसद विद्युत वरण महतो, भाजपा जिलाध्यक्ष गुंजन यादव समेत 200 कार्यकर्ता शामिल थे. इसमें कई बिना मास्क, हैंड ग्लव्स और सोशल डिस्टैंसिंग के रैली में शामिल होकर नारेबाजी कर रहे थे.
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प्राथमिकी में कहा गया कि इनलोगों ने केंद्र एवं राज्य सरकार की गाइडलाइन का खुलेआम उल्लंघन किया है, जिससे संक्रमण फैलने का खतरा है. सिटी मैनेजर ने थाना प्रभारी से भाजपा के नेताओं और कार्यकर्ताओं के खिलाफ भादवि और आपदा प्रबंधन अधिनियम के तहत प्राथमिकी दर्ज करने का अनुरोध किया है. वहीं, साकची पुलिस के अनुसार, प्राप्त आवेदन पर प्राथमिकी दर्ज कर ली गयी है.
इधर, गुरुवार को भाजपा के जनाक्रोश रैली के दौरान पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास ने कहा था कि पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ जो हुआ, वह भारतीय इतिहास में पहली बार हुआ है. जहां सीधे तौर पर प्रधानमंत्री जैसे पद को निशाना बनाया गया है. सरकारी तंत्र का इतनी बेशर्मी से कभी भी दुरुपयोग नहीं हुआ, जैसा पंजाब की सरकार ने किया है.
वहीं, सांसद विद्युत वरण महतो ने कहा कि कांग्रेस पार्टी प्रधानमंत्री के खिलाफ नफरत की राजनीति कर रही है. पंजाब के पुलिस प्रशासन ने कांग्रेस सरकार के इशारे पर प्रधानमंत्री के काफिले के रास्ते में भारी लापरवाही बरतते हुए गंभीर खतरा उत्पन्न किया. इसके कारण ही प्रधानमंत्री को बिना किसी कार्यक्रम में शामिल हुए बिना लौटना पड़ा. इस घटना की जांच कर कड़ी कार्रवाई होनी चाहिए.
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Posted By: Samir Ranjan.