पशुओं से हटकर, दिवाली मनाए डटकर, पटाखों से धड़कन हो जाती है तेज

पशु चिकित्सक डॉ वीके सिंह ने बताया कि डॉग का कान काफी ज्यादा संवेदनशील होता है. ज्यादा आवाज होने या पटाखा की आवाज से बचने के लिए डॉग के कान में कॉटन यानी रूई लगा सकते हैं.

By Prabhat Khabar News Desk | November 10, 2023 11:16 AM
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दीपावली का त्योहार आने के साथ ही पालतू पशुओं की परेशानी शुरू हो जाती है. खास कर डॉग और गाय की परेशानी थोड़ी ज्यादा ही बढ़ जाती है. ऐसा माना जाता है कि डॉग सबसे अधिक आवाज से डरते हैं. पटाखे या तेज आवाज से डर कर डॉग जल्दी भाग जाते हैं या फिर डर से किसी कमरे में दुबक जाते हैं, ताकि उसके कान तक कम आवाज आये. ऐसे में डॉग पालने वाले लोग भी उनकी परेशानियों को देख कर परेशान हो जाते हैं. इस संबंध में जानकारी देते हुए पशु चिकित्सक डॉ वीके सिंह ने बताया कि दीपावली में जानवरों को टारगेट नहीं करना चाहिए. अगर डॉग की बात करें, तो डॉग आवाज से काफी ज्यादा घबराता है. डॉग में सुनने की शक्ति इंसान से 20 गुणा ज्यादा होती है. ऐसे में जब डॉग के पास तेज आवाज होता है, तो उसे काफी परेशानी होती है. लगातार आवाज सुनने के बाद डॉग जोर-जोर से हांफने और कांपने भी लगता है. वह इधर उधर भागने लगता है. उनकी धड़कन भी तेज हो जाती है.

कान को ढकने या रूई का करें इस्तेमाल

पशु चिकित्सक डॉ वीके सिंह ने बताया कि डॉग का कान काफी ज्यादा संवेदनशील होता है. ज्यादा आवाज होने या पटाखा की आवाज से बचने के लिए डॉग के कान में कॉटन यानी रूई लगा सकते हैं. इससे उन्हें थोड़ी राहत जरूर मिलेगी. इसके अलावा उसे बंद कमरे में रखें, ताकि उन तक कम से कम आवाज पहुंचे. उन्होंने बताया कि साउंड से बचने के लिए कुछ दवाइयां और स्प्रे भी हैं, लेकिन वह उतना कारगर नहीं होता है.

घरेलू उपाय भी करते है डॉग लवर

पटाखा या जोर की आवाज आने पर डॉग लवर घरेलू उपाय भी करते हैं. डॉग लवर आवारा डॉग को किसी शांत जगह पर लेकर जाते हैं. हालांकि स्ट्रीट डॉग खुद ही तेज आवाज वाली जगह से अपना स्थान बदल लेते हैं. वहीं पालतू डॉग को घर के एकांत वाले कमरे में ले जाकर बंद कर देते हैं. उसके कान पर कुछ कपड़ा भी बांध देते हैं. साथ ही कमरे की खिड़की- दरवाजा भी बंद कर उसे सेफ रखते हैं.

अपील :

  • किसी भी जानवर या पक्षी के पास पटाखा न फोड़ें.

  • जानवर या डॉग को टारगेट पर पटाखा न फोड़ें

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