तीसरी बार जेएनसी ने निकाला टेंडर, तीन करोड़ 33 लाख आयेगी लागत
वरीय संवाददाता, जमशेदपुर
अभी क्या है शहर में स्थिति
जेएनएसी एरिया में फिलहाल लोगों ने अपने-अपने घरों में ही सेफ्टी टैंक बनवा रखे हैं, जब घरों में बने यह टैंक भर जाते हैं, तो उन्हें खाली करने के लिए नगर निकाय या निजी कंपनियों से टैंकर मंगवा कर घरों के टैंक से टैंकर में स्लज स्टोर किया जाता है. जिसके बाद यह टैंकर उस स्लज को ले जाकर नाले नालियों और खेतों में फेंक कर गंदगी फैलाते हैं, लेकिन प्लांट बनने के बाद इस समस्या का स्थायी समाधान निकल जायेगा. दो बार पहले भी जेएनएसी की ओर से योजना का टेंडर निकाला गया था, लेकिन संवेदकों के भाग नहीं लेने से उसे रद्द कर फिर से टेंडर निकाला गया है.
क्या होगा फायदा
कैसे काम करेगा प्लांट
प्लांट के बनने के बाद सभी टैंकर घरों से निकलने वाले स्लज को लाकर यहां बने स्क्रीन चेंबर में खाली करेंगे. इसके बाद इसे थिकनिंग टैंक में ट्रांसफर कर दिया जायेगा. इसके बाद इस स्लज को थिकनिंग टैंक से स्टेबलाइजेशन रिएक्टर में भेजकर ट्रीट किया जायेगा. लिक्विड और सॉलिड पूरी तरह से अलग हो जायेगा. पॉलिशिंग पाउंड में बचे लिक्विड को स्टोर कर सिंचाई में इस्तेमाल किया जायेगा. साथ ही अलग हुए सॉलिड का इस्तेमाल खाद के रूप में होगा.
वर्जन…
– कृष्ण कुमार, उप नगर आयुक्त, जेएनएसी
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