जमशेदजी टाटा की जयंती: लार्ड चेम्सफोर्ड ने किया था जमशेदपुर का नामकरण, जवाहरलाल नेहरू ने किया था जुबिली पार्क का उद्घाटन

Jamshedji Tata ‍Birth Anniversary: आज तीन मार्च को भारतीय उद्योग के जनक जमशेदजी टाटा की 186वीं जयंती है. वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड ने इनके सम्मान में साकची का नाम बदलकर जमशेदपुर रखा था. प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने यहां के जुबिली पार्क का उद्घाटन किया था.

By Guru Swarup Mishra | March 3, 2025 7:01 AM
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Jamshedji Tata ‍Birth Anniversary: जमशेदपुर, ब्रजेश सिंह- झारखंड का गठन 2000 में हुआ, लेकिन राज्य के विकास में टाटा समूह की भूमिका बहुत पुरानी है. टाटा स्टील ने जमशेदपुर को आधुनिक शहर में तब्दील किया, जहां हर नागरिक सुविधा उपलब्ध है. टाटा स्टील और जमशेदपुर के कारण ही झारखंड की पहचान जल, जंगल और जमीन के साथ-साथ औद्योगिक विकास से भी जुड़ी है. जमशेदपुर शहर को भारतीय उद्योग के जनक जमशेदजी टाटा के सपनों से आकार मिला और आज यह देश का पहला व्यवस्थित शहर बन चुका है. जमशेदजी टाटा की 186वीं जयंती पर जमशेदपुर शहर की बदलती तस्वीर पर पेश है खास रिपोर्ट.

देश के पहले व्यवस्थित शहरों में शामिल है जमशेदपुर


झारखंड आंदोलन से पहले ही जमशेदजी टाटा के विजन से बिहार के पठारी इलाके में विकास की गंगा बहने लगी थी. टाटा स्टील ने जमशेदपुर शहर को एक आधुनिक नगर के रूप में विकसित किया. जमशेदपुर में वह सभी नागरिक सुविधाएं उपलब्ध हैं, जो एक अच्छे शहर में होनी चाहिए. यह शहर आज देश के पहले व्यवस्थित शहरों में से एक बन चुका है. जमशेदजी नसरवानजी टाटा को भारतीय उद्योग का जनक माना जाता है, जिन्होंने 1868 में टाटा समूह की स्थापना की.

साकची बना जमशेदपुर और कालीमाटी का नाम हुआ टाटानगर


टाटा स्टील, जिसे पहले टिस्को (टाटा आयरन एंड स्टील कंपनी) के नाम से जाना जाता था, 1908 में स्थापित हुई. सने 1912 में अपना पहला इंगोट उत्पादन किया. 1947 में प्रथम विश्व युद्ध के दौरान, टाटा स्टील ने ब्रिटिश सरकार की मदद की और 1500 मील लंबी स्टील की पटरियां मुहैया कराईं. इसके बाद ब्रिटिश सरकार ने 1919 टाटा स्टील के संस्थापक जमशेदजी टाटा के सम्मान में शहर का नाम जमशेदपुर और कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर रखा. 1916 में शेयरधारकों को संबोधित करते हुए दोराबजी टाटा ने कहा था उनके उत्पाद की भारी मांग है. अगले कुछ वर्षों के लिए उनके कारखाने के पास काफी ऑर्डर हैं.

वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड ने बदला था शहर का नाम


विश्व युद्ध में जिस तरह से टाटा स्टील ने ब्रिटिश सरकार की मदद की थी, उसके लिए आभार व्यक्त करने के लिए तत्कालीन वायसराय लार्ड चेम्सफोर्ड 1919 में शहर आए. इस दौरान उन्होंने न सिर्फ कारखाने का दौरा किया बल्कि टाटा के सपनों के शहर को भी देखा. उन्होंने कहा और स्वीकार किया कि युद्ध के दौरान टाटा ने उनकी बहुत मदद की है. इस सम्मान के प्रतीक लार्ड चेम्सफोर्ड ने समूह के संस्थापक जमशेदजी टाटा के नाम पर शहर का नाम जमशेदपुर और कालीमाटी रेलवे स्टेशन का नाम बदलकर टाटानगर रखा.

जमशेदपुर में विकास का मॉडल


जमशेदपुर के विकास में टाटा स्टील का महत्वपूर्ण योगदान रहा है. जब शहर बसा तो मूलभूत सुविधाओं के साथ चौड़ी सड़कें बनीं. सड़कों के किनारे छायादार वृक्ष लगाए गए. कर्मचारियों के रहने के क्वार्टर, इलाज के लिए टीएमएच अस्पताल, बच्चों के लिए स्कूल व कॉलेज, तकनीकी शिक्षा के लिए शावक नानावती टेक्निकल इंस्टीटयूट (एसएनटीआई), सामान खरीदने व बेचने के लिए बिष्टुपुर बाजार सहित पेयजल की आपूर्ति के लिए डिमना में डैम बना. आज 117 वर्ष पूरा करने के बाद अपना जमशेदपुर किसी स्मार्ट सिटी को चुनौती देने की ओर अग्रसर है. यह आज पूरे देश में सफाई, साफ पेयजल और 24 घंटे निर्बाध बिजली के लिए विख्यात है.

1907 में तैयार हुआ था कालीमाटी स्टेशन


टाटा कंपनी की नींव साकची में रखी गई थी. करीब पांच किलोमीटर की दूरी पर हावड़ा-मुंबई रेलमार्ग स्थित था, जिसे पहले कालीमाटी के नाम से जाना जाता था. 1907 में तैयार हुआ कालीमाटी स्टेशन अब टाटानगर स्टेशन के नाम से जाना जाता है. जो रेलवे मंडलों में सबसे ज्यादा राजस्व देने वाले स्टेशनों में से एक है. रोजाना यहां से करीब 50 हजार से अधिक यात्री ट्रैवल करते हैं.

जवाहरलाल नेहरू ने 1954 में किया था जुबिली पार्क का उद्घाटन


1954 में जुबिली पार्क का उद्घाटन हुआ, जो पर्यटन के लिए एक प्रमुख स्थल बन गया है. यह पार्क देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू द्वारा उद्घाटित किया गया था. इस पार्क में देश के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने बरगद का पौधा लगाया था, जो आज विशाल रूप ले चुका है. इसके अलावा शहर के हर इलाके में पार्क बने. उद्घाटन देश के प्रथम प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने किया था. उसके बाद से यह पार्क लोगों को बड़ी राहत दे रहा है.

शहर में कई कंपनियां, युवाओं को मिल रहा रोजगार


जमशेदपुर में कई प्रमुख उद्योगों के स्थापित होने से शहर का विकास हुआ है. यहां टाटा मोटर्स, टाटा कमिंस, टाटा ब्लूस्कोप, इंडियन स्टील एंड वायर प्रोडक्ट्स (आइएसडब्ल्यूपी), जेम्को और कई अन्य कंपनियां स्थित हैं, जो स्थानीय और बाहरी युवाओं को रोजगार प्रदान करती हैं. आज यहां अपने बेहतर आउटफील्ड के लिए विख्यात कीनन स्टेडियम, जमशेदपुर फुटबॉल क्लब की होम ग्राउंड जेआरडी टाटा स्पोटर्स कॉम्प्लेक्स, विश्वस्तरीय सुविधाओं से लैस टाटा मेन हॉस्पिटल (टीएमएच), बिजनेस स्कूल के रूप में एक्सएलआरआई, जूलोजिकल पार्क, मेरीन ड्राइव, सर दोराबजी पार्क, साकची व बिष्टुपुर बाजार, कई मल्टीप्लेक्स, मॉल सौगात के रूप में मिले.

जमशेदपुर का इतिहास


2 जनवरी 1919 को वायसराय लॉर्ड चेम्सफोर्ड ने शहर का नामकरण किया.
1908 में टीएमएच अस्पताल की स्थापना हुई.
1911 में कालीमाटी (टाटानगर) स्टेशन तैयार हुआ.
1915 में शहर का पहला हाईस्कूल, मिसेज केएमपीएम इंटर कॉलेज, खोला गया.
1930 में कंपनी परिसर के पास शहर का पहला बिष्टुपुर बाजार स्थापित किया गया.
1934 में टाटा स्टील का जनरल ऑफिस बिल्डिंग बनायी गयी.
1938 में रीगल मैदान के पास रीगल सिनेमा बिल्डिंग का निर्माण हुआ.
1939 में कीनन स्टेडियम का निर्माण किया गया.
1942 में, विश्व युद्ध के दौरान, टाटा स्टील ने टैंक का निर्माण किया.
1949 में उच्च शिक्षा के लिए को-ऑपरेटिव कॉलेज की स्थापना की गयी.
1952 में महिला कॉलेज की शुरुआत की गयी.
1953 में ट्यूब कंपनी की स्थापना की गयी.
1958 में देश के पहले प्रधानमंत्री पंडित जवाहरलाल नेहरू ने जुबिली पार्क की स्थापना की.
1968 में टीआरएफ कंपनी की स्थापना की गयी.

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