कैचवर्ड: गांधी आश्रम जल त्रासदी
मुख्य बिंदु:
घरों में तबाही का मंजर
तेज प्रेशर के चलते गांधी आश्रम के तीन कच्चे घरों की छतें टूट गयी, और आठ से अधिक घरों में पानी भर गया. पानी की ताकत इतनी थी कि कई घरों की दीवारों में दरारें आ गयीं. घर में रखे कपड़े, बर्तन, दाल-चावल, राशन व फर्नीचर सब पानी में बह गये. गांधी आश्रम के 12 कमरों में रखा सारा सामान बर्बाद हो गया.दो घंटे की मशक्कत के बाद बंद की गयी पाइप लाइन
घटना की जानकारी मिलते ही टाटा स्टील यूआइएसएल (पूर्व में जुस्को) की टीम मौके पर पहुंची और करीब दो घंटे की मशक्कत के बाद पाइपलाइन बंद की गयी. टाटा स्टील यूआइएसएल प्रबंधन की ओर से जारी बयान में कहा गया कि यह पाइपलाइन नदी पंप हाउस से घरेलू और औद्योगिक इकाइयों को पानी पहुंचाती है. उन्होंने अवैध कनेक्शन को पाइपलाइन फटने का कारण बताया, जिससे टाटा मोटर्स, टिनप्लेट, आइएसडब्ल्यूपी, टाटा ट्यूब्स आदि की जल आपूर्ति बाधित हो गयी है. स्थिति को सामान्य करने में 24 घंटे तक लग सकते हैं.प्रभावित परिवार को दिया जाये मुआवजा: पूर्णिमा साहू
विधायक पूर्णिमा साहू ने टाटा स्टील और जिला प्रशासन से अपील की कि वे मानवीय आधार पर प्रभावित लोगों को राशन, रहने की व्यवस्था, कपड़े और पुनर्वास की सहायता तत्काल उपलब्ध कराये. उन्होंने कहा कि “गांधी आश्रम में समाज के सबसे वंचित वर्ग के लोग रहते हैं. यह हादसा उनके लिए बेहद भयावह रहा है. उनके पुनर्वास और मुआवजे की जिम्मेदारी प्रशासन और टाटा स्टील दोनों की है.
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