वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के माध्यम से जुड़े थे आरोपी
दोनों आरोपी सोनू सिंह, कलम शर्मा उर्फ गोलू घाघीडीह सेंट्रल जेल से वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग से कोर्ट से जुड़े थे. शिकायतकर्ता की ओर से अधिवक्ता प्रभात शंकर तिवारी ने पक्ष रखा था. कोर्ट में मृतक सूरज कुमार के पिता, मां मौजूद थे.
ये था मामला
तीन वर्ष पूर्व 7 दिसंबर 2021 को बागबेड़ा हरगुट्टू बाजार के समीप भाजयुमो बागबेड़ा मंडल के महामंत्री सूरज कुमार पर अपराधियों ने दौड़कर चापड़ से हमला किया था. उसके चेहरे, छाती और पीठ पर लगातार वार किये गये. गंभीर रूप से जख्मी सूरज को टीएमएच में भर्ती कराया गया था. इलाज के दौरान 9 दिसंबर 2021 को उसकी मौत हो गयी थी. घटना के दूसरे दिन पुलिस ने आरोपी सोनू सिंह, कमल शर्मा उर्फ गोलू के अलावा दो जुवेनाइल को गिरफ्तार किया था. केस में अनुसंधान पदाधिकारी समेत सात लोगों की गवाही हुई.
एफएसएल रिपोर्ट बना आधार
कोर्ट ने सूरज हत्याकांड में दो नामजद आरोपी को दोषी करार देने के लिए एफएसएल रिपोर्ट, घटनास्थल पर मिले खून, चापड़ व आरोपी के कपड़े पर लगे खून के मिलने (मैच होने) को मुख्य कारण माना. पुलिस ने गिरफ्तारी के बाद आरोपियों की निशानदेही पर बागबेड़ा बड़ौदा घाट के समीप छुपाकर रखे गये कपड़े बरामद किये थे.
मेरे बेटे की हत्या क्यों हुई, ये पता नहीं चला : विजय सिंह
इधर, मृतक सूरज के पिता विजय सिंह आरोपियों को उम्रकैद की सजा सुनाने पर कहा कि कोर्ट से न्याय मिला. उनके बेटे को जिसने मारा था, उसे फांसी मिले, लेकिन कोर्ट ने आरोपियों को सजा सुनायी, उससे मैं संतुष्ट हूं, खुश हूं. यहां एक बात और कहना चाहता हूं. मेरे मन में आज भी यह सवाल खड़ा है कि मेरे बेटे की हत्या क्यों हुई, उन कारणों का पता नहीं चल सका.
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