Jamshedpur News: जमशेदपुर के कदमा की 6 साल की नन्ही सी बच्ची… जिसे इस वक्त स्कूल में रंगों से खेलना चाहिए था, दोस्तों संग हंसना चाहिए था, वो अब बाल सुधार गृह की चारदीवारी के भीतर है. मां और मौसी की आपसी खींचतान ने उसकी मासूमियत को ऐसा जख्म दे दिया है, जिसकी न तो उसे वजह समझ में आ रही है, न ही कोई जवाब मिल रहा है. बीते 48 घंटों से उसने अपने मां-बाप का चेहरा तक नहीं देखा है. अब वह एक कस्टडी के फैसले की राह ताक रही है.
कस्टडी को लेकर चल रहा विवाद
बच्ची बीते 48 घंटे से बाल सुधार गृह में है. फिलहाल बच्ची बाल कल्याण समिति (सीडब्ल्यूसी) की निगरानी में सुरक्षित है. दरअसल, बच्ची की मां रश्मि सिंह और मौसी पिंकी (रश्मि की बड़ी बहन) के बीच बच्ची की कस्टडी को लेकर विवाद चल रहा है. विवाद बढ़ने पर सीडब्ल्यूसी और कदमा थाना में शिकायत की गयी. बुधवार की रात कदमा और सोनारी पुलिस ने पिंकी के घर से बच्ची को जबरन ले जाकर सीडब्ल्यूसी को सौंप दिया.
बच्ची के लिए डीसी कार्यालय के समक्ष धरने पर बैठी मौसी
बच्ची की मौसी पिंकी और उसके पति बालकृष्णा ने गुरुवार को उपायुक्त कार्यालय के सामने बीच सड़क पर बैठकर बच्ची को लौटाने की मांग करते हुए प्रदर्शन किया. उन्होंने सीडब्ल्यूसी से भी गुहार लगायी. पिंकी ने रोते हुए बताया कि जब रश्मि ने बच्ची को जन्म दिया, तो उसके पति संजीत कुमार सिंह खुश नहीं थे और उन्होंने बच्ची की देखभाल से मुंह मोड़ लिया. इस स्थिति में रश्मि ने पिंकी से कहा कि वह बच्ची को अपने पास रख ले. तबसे 2019 से वह बच्ची की परवरिश कर रही थी. पिंकी का आरोप है कि बच्ची के छह साल के होते ही रश्मि और उसके पति ने कार खरीदने के लिए 10 लाख रुपये की मांग शुरू कर दी. जब उन्होंने रुपये देने से इनकार किया, तो रश्मि ने बच्ची को वापस मांगना शुरू कर दिया.
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बच्ची की मां बोलीं, ‘डोनेट पेपर’ बनवाने का बनाया जा रहा दबाव
बच्ची की मां रश्मि सिंह ने बताया कि उनकी बहन पिंकी के आरोप बेबुनियाद हैं. बच्ची के जन्म के बाद पिंकी अक्सर उसे घुमाने के बहाने अपने घर ले जाती थी और शाम को वापस छोड़ जाती थी. दो माह पहले पिंकी और उसके पति ने सात लाख रुपये की मांग की और बच्ची को गोद लेने के लिए ‘डोनेट पेपर’ बनवाने का दबाव बनाया. जब रश्मि और संजीत ने इसका विरोध किया, तो तीन मई को पिंकी और बालकृष्णा ने कदमा फार्म एरिया के पास से बच्ची को जबरन छीन लिया.रश्मि ने बताया कि बच्ची को वापस नहीं लौटाने पर उन्होंने कदमा थाना में शिकायत दर्ज करायी. पुलिस ने दो-तीन बार पिंकी के घर पर दबिश दी, लेकिन सफलता नहीं मिली. इस बीच पिंकी ने एसडीएम कोर्ट में मामला दायर किया, लेकिन वह एक बार भी कोर्ट में उपस्थित नहीं हुई. इसके बाद एसडीएम ने केस खारिज कर रश्मि को 1098 पर कॉल कर शिकायत करने का सुझाव दिया.
काउंसेलिंग में मौसी बिना बच्ची के साथ पहुंची, सीडब्ल्यूसी ने घर से किया बरामद
रश्मि द्वारा 1098 पर दी गई शिकायत के बाद सीडब्ल्यूसी की टीम ने दोनों पक्षों को काउंसेलिंग के लिए बुलाया. लेकिन पिंकी बच्ची के बिना पहुंची. इसके बाद गुरुवार को पुलिस के साथ सीडब्ल्यूसी की टीम ने सोनारी स्थित पिंकी के घर से बच्ची को बरामद किया और पहले उसे आदर्श सेवा संस्थान तथा फिर बाल सुधार गृह (घाघीडीह) भेज दिया. बच्ची अब सीडब्ल्यूसी की देखरेख में है और उसके भविष्य को लेकर निर्णय प्रक्रिया जारी है. पूरे मामले ने प्रशासन और बाल संरक्षण प्रणाली की संवेदनशीलता पर भी सवाल खड़े किए हैं.
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