Jamshedpur news.
शिकायतकर्ता दीपक कुमार ने कहा कि कोरोना के बाद पुलिस भर्ती के लिए विभिन्न जिलों में आयोजित दौड़ के दौरान 12 प्रतिभागियों की मौतों ने कई तरह के सवाल खड़े कर दिये हैं. उन्होंने कहा कि नौकरी के लिए झारखंड के युवाओं को अपनी जान देनी पड़े, इससे बड़ी शर्मनाक घटना कोई और नहीं हो सकती है. उन्होंने शारीरिक परीक्षा के तौर-तरीके पर सवाल खड़े करते हुए कहा कि दौड़ स्वरूप में बदलाव करते हुए 10 किलोमीटर की दौड़ को चयन का आधार बनाना मौत का कारण बना, जबकि दौड़ से पहले प्रतिभागियों का हार्ट, प्रेशर आदि की जांच की जानी चाहिये थी. भविष्य में इस तरह की घटना की पुनरावृत्ति नहीं हो, इसके लिए सरकार ने क्या योजना अख्तियार की, शुरुआती दौर में हुई मौत की घटना के तुरंत बाद शारीरिक परीक्षा के पैटर्न पर पुनर्विचार क्यों नहीं किया, ऐसे कई सवाल हैं, जिनके बारे में हर कोई जानना चाहता है.उल्लेख्यनीय है कि वर्ष 2024 के अगस्त व सितंबर माह में झारखंड के सात केंद्रों पर आयोजित उत्पाद सिपाही भर्ती के शारीरिक दक्षता परीक्षा में छह केंद्रों पर मौतें हुई थी. जिसमें कुल 12 प्रतिभागियों ने अपनी जानें गवां दी थी, जबकि सैकड़ों प्रतिभागियों की हालत खराब होने के बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था. जानाकरी के मुताबिक प्रतिभागी शारीरिक दक्षता परीक्षा के तहत आयोजित दौड़ में 1,27, 572 प्रतिभागियों ने हिस्सा लिया था.
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