दक्षिण पूर्व रेलवे के चक्रधरपुर मंडल में ट्रेनों पर लगातार हो रहे पथराव की घटनाओं ने रेलवे प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. इन घटनाओं को रोकने के लिए रेलवे ने नयी रणनीति अपनायी है, जिसमें तकनीक की मदद ली जा रही है. टाटानगर जीआरपी और आरपीएफ अब नाइट विजन ड्रोन की मदद से उन असामाजिक तत्वों पर नजर रखेगी, जो ट्रेनों पर पत्थरबाजी करते हैं और अंधेरे का फायदा उठाकर फरार हो जाते हैं.
रेलवे प्रशासन अब हाइवे पेट्रोलिंग भी बढ़ा रहा है और करीब 90 किलोमीटर के रेलखंड पर पुलिस चौकियां स्थापित की जायेंगी. ब्लैक स्पॉट की पहचान कर वहां विशेष निगरानी रखी जायेगी.रेलवे के वरिष्ठ वाणिज्य प्रबंधक (सीनियर डीसीएम) आदित्य चौधरी ने बताया कि इन घटनाओं से रेलवे को न सिर्फ आर्थिक नुकसान हुआ है, बल्कि यात्रियों में भी भय का माहौल बना है. रेलवे, पुलिस और स्थानीय प्रशासन मिलकर ऐसे असामाजिक तत्वों पर शिकंजा कसने के लिए सख्त कदम उठा रहे हैं.
पांच माह में 13 से अधिक ट्रेनों पर पथराव
19 मई को बरहमपुर-टाटा वंदेभारत ट्रेन पर पथराव16 मई को तेजस राजधानी एक्सप्रेस पर सालगाझुड़ी के पास पथराव
28 मार्च को दुर्ग-आरा साउथ बिहार एक्सप्रेस पर पथराव
21 फरवरी को सलगाझुड़ी के पास हावड़ा-रांची वंदेभारत ट्रेन पर पथराव
29 जनवरी को हुजूर साहिब नांदेड़ से संतरागाछी ट्रेन पर बारीगोड़ा और गोविंदपुर के बीच पथराव हुई थी. जबकि उसी दिन टाटानगर से बरहमपुर के बीच चलने वाली वंदेभारत ट्रेन पर चाईबासा के पास पथराव
22 जनवरी को स्टील एक्सप्रेस ट्रेन पर राखामाइंस के पास पथराव20 जनवरी को स्टील एक्सप्रेस पर राखामाइंस के पास ही पथराव
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