Jamshedpur News डिमना रोड स्थित एमजीएम मेडिकल कॉलेज परिसर में बने नये अस्पताल में इलाज के दौरान यदि किसी मरीज की मृत्यु हो जाती है तो शव को रखने के लिए नये भवन में शीतगृह (मर्च्युरी) नहीं है. ऐसे में शव को पुराने साकची स्थित एमजीएम अस्पताल के शीतगृह में भेजा जा रहा है, जिससे मृतकों के परिजनों को काफी असुविधा हो रही है. पुराने अस्पताल के शीतगृह में 12 बॉक्स हैं, जिनमें फिलहाल चार लावारिस शव रखे गये हैं. कर्मचारियों के अनुसार, मृतक का शव पहले नये अस्पताल से लाकर यहां रखा जाता है. फिर 72 घंटे पूरे होने के बाद उसे पोस्टमार्टम के लिए नये अस्पताल परिसर में बने पोस्टमार्टम हाउस ले जाया जाता है. पोस्टमार्टम के बाद अंतिम संस्कार कराया जाता है. अस्पताल के उपाधीक्षक डॉ. नकुल चौधरी ने बताया कि पुराने अस्पताल में फिलहाल लावारिस शवों या बाहर से आनेवाले परिजनों के इंतजार में रखे जानेवाले शवों को ही रखा जा रहा है. नये अस्पताल परिसर में ही शीतगृह निर्माण के लिए जगह तय कर ली गयी है और जल्द निर्माण शुरू कर उसे चालू कर दिया जायेगा.
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