प्रतिनिधि, कुंडहित. राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा एवं पोषण मिशन योजना के तहत मंगलवार को रामपुर गांव में 60 किसानों के बीच अरहर के बीज का वितरण किया गया. इस अवसर पर जिला परिषद सदस्य रीना मंडल, मुखिया भीम हेंब्रम एवं जामताड़ा के कृषि निरीक्षक इंदुशेखर पोद्दार उपस्थित थे. श्री पोद्दार ने दलहनी फसलों की विशेषताओं के बारे में जानकारी दी. अरहर की खेती को आर्थिक रूप से लाभदायक बताया. वहीं पूर्व जिप सदस्य भजहरि मंडल ने संताली भाषा में किसानों को अरहर की खेती से जुड़ी तकनीकों एवं इसके लाभों की जानकारी दी. बीटीएम सुजीत कुमार सिंह ने बताया कि अरहर दाल में प्रोटीन और फाइबर भरपूर मात्रा में पाया जाता है, जो स्वास्थ्य के लिए अत्यंत लाभकारी है. उन्होंने किसानों को सलाह दी कि वे अरहर की खेती ऊपरी जमीन पर करें और बीज को बोने से पहले एफआईआर विधि से उसका उपचार अवश्य करें. एफआईआर विधि बताते हुए बीटीएम ने कहा फफूंदनाशक प्रति किलोग्राम बीज में 2-3 ग्राम कार्बेन्डाजिम मिलाकर उपचार करें, कीटनाशक 2-5 मिली लीटर क्लोरोपायरीफास प्रति किलोग्राम बीज में मिलाकर कीट नियंत्रण के लिए उपचार करें. राइजोबियम कल्चर बीज को अंतिम चरण में राइजोबियम कल्चर से उपचारित कर छायादार स्थान पर आधे घंटे सुखाएं. इसके बाद बीज की बुआई पौधा से पौधा की दूरी 20-25 सेमी और कतार से कतार की दूरी 60-65 सेमी रखते हुए सीधी लाइन में की जाती है. मौके पर रामपुर, दुर्गापुर और मुर्गापात्थर गांव के कुल 60 किसानों को प्रति किसान 4 किलोग्राम के हिसाब से बीज का वितरण किया गया. मौके पर सहायक तकनीकी प्रबंधक अमीर हेंब्रम, संबंधित गांवों के किसान मित्र एवं लाभुक किसान उपस्थित थे.
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