
संवाददाता, जामताड़ा. झारखंड राज्य आउटसोर्सिंग कंप्यूटर ऑपरेटर संघ की बैठक रविवार को गांधी मैदान में आयोजित की गई, जिसकी अध्यक्षता प्रदेश कार्यकारी अध्यक्ष खुर्शीद आलम ने की. बैठक में विभिन्न संवर्गों के आउटसोर्स कर्मचारी शामिल हुए. इस दौरान आंदोलन की रूपरेखा तय करते हुए कहा गया कि यदि सरकार मांगों को नहीं मानती है, तो सामूहिक हड़ताल पर जाने का निर्णय लिया जा सकता है. बैठक में राज्य सरकार द्वारा आउटसोर्सिंग कर्मचारियों के लिए गठित नियमावली पर विस्तृत चर्चा हुई. संघ का कहना है कि यह नियमावली पूरी तरह कर्मचारी विरोधी है. संघ ने बार-बार सरकार और वित्त विभाग से नियमों में संशोधन की मांग की है. साथ ही यह भी मांग की गई कि संविदा/एकमुश्त पर कार्यरत कर्मचारियों को निर्धारित मानदेय के अनुसार भुगतान किया जाए. सर्वोच्च न्यायालय के “समान कार्य के लिए समान वेतन ” के निर्देश के बावजूद कर्मचारियों के साथ अन्याय किया जा रहा है. बिहार सरकार की तर्ज पर सभी आउटसोर्सिंग कर्मचारियों की सेवा 60 वर्ष तक सुरक्षित करने और मध्य प्रदेश सरकार की तर्ज पर उन्हें संबंधित विभाग के अधीन संविदा पर समायोजित करने की मांग की गई.संघ ने निर्णय लिया है कि सरकार के नियमावली के विरोध में चरणबद्ध आंदोलन किया जाएगा. इसके तहत 9, 10 और 11 जून को काला बिल्ला लगाकर कार्य किया जाएगा. 11 जून को शाम 6 बजे कैंडल मार्च, 12 जून को समाहरणालय के समक्ष धरना और 15 जून को रांची के मोरहाबादी मैदान में एक दिवसीय महाधरना किया जाएगा.
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