प्रतिनिधि, लोहरदगा महिला, बाल विकास व सामाजिक सुरक्षा विभाग, झारखंड सरकार के तहत लोहरदगा जिले में समर / सी-मैम अभियान पर आयोजित दो दिवसीय प्रशिक्षण कार्यशाला का मंगलवार को जिला परिषद सभागार में समापन हो गया. इस कार्यशाला का समापन लोहरदगा आइटीडीए परियोजना निदेशक सह समाज कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग ने किया. कार्यशाला में मास्टर ट्रेनरों ने सीडीपीओ (बाल विकास परियोजना पदाधिकारी) और एलएएस (लेडी सुपरवाइजर) को प्रशिक्षित करते हुए बताया कि समर अभियान के अंतर्गत कुपोषण और एनीमिया से ग्रसित बच्चों की पहचान कैसे करें. समर सी-मैम अभियान विशेष रूप से जन्म से पांच वर्ष तक के अति गंभीर कुपोषण से ग्रसित बच्चों के प्रबंधन पर केंद्रित है. इस अवसर पर समाज कल्याण पदाधिकारी सुषमा नीलम सोरेंग ने कहा कि ऐसे सभी घरों को चिह्नित किया जाये, जहां कुपोषित बच्चे, किशोरियां, युवतियां अथवा गर्भवती महिलाएं हैं. उन्होंने जोर दिया कि इन्हें सरकार के विभिन्न विभागों के ऐसे कार्यक्रमों से जोड़ा जाये, जिससे कुपोषण निवारण पर प्रत्यक्ष या परोक्ष प्रभाव होता है.
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