टिको शिव मंदिर में मत्था टेकने वालों की पूरी होती है फरियाद

टिको शिव मंदिर में मत्था टेकने वालों की पूरी होती है फरियाद

By SHAILESH AMBASHTHA | July 27, 2025 9:30 PM
an image

कुड़ू़ प्रखंड के जीमा और टाटी पंचायत की सीमा पर स्थित केसरे हिंद की भूमि पर बना टिको शिव मंदिर श्रद्धा और आस्था का प्रमुख केंद्र बन गया है. टिको नदी तट पर स्थित यह मंदिर देश के पांच प्रमुख श्मशान शिवालयों में गिना जाता है. यहां उत्तर प्रदेश, बिहार, ओडिशा, छत्तीसगढ़, पश्चिम बंगाल, दिल्ली और मुंबई तक से श्रद्धालु आते हैं और रुद्राभिषेक, शिव पुराण व विभिन्न अनुष्ठानों द्वारा भोलेनाथ को प्रसन्न करते हैं. बताया जाता है कि 1920 में पुरोहित गंगाधर पाठक को स्वप्न में शिवलिंग दिखाई दिया था. सुबह टिको नदी तट पर जाकर उन्होंने वही शिवलिंग देखा और सेवा शुरू की. अंग्रेजी शासन के समय श्रद्धालु चोरी-छिपे पूजा करने पहुंचते थे. बाद में खपरैल मंदिर का निर्माण हुआ और धीरे-धीरे यह स्थान प्रसिद्ध होता गया. श्मशान तट पर स्थित इस मंदिर में मांगी गयी मन्नतें खाली नहीं जातीं, ऐसा स्थानीय लोग मानते हैं. हर साल यहां 15 दर्जन से अधिक विवाह संपन्न होते हैं. पुरोहित लवकेश पाठक ने बताया कि वाराणसी, विंध्याचल, काशी, कांजीपुरम व तारापीठ जैसे स्थानों की तरह टिको मंदिर भी सिद्ध शिवधाम है, जहां श्मशान के समीप शिवलिंग की पूजा से मनोकामना पूर्ण होती है. महाशिवरात्रि के अवसर पर विशेष पूजन होता है. पूर्व में यहां से कांवरिये टिको नदी का जल लेकर रांची के पहाड़ी मंदिर तक जाते थे. मंदिर में अब भी बुनियादी सुविधाओं की कमी है, जिसके कारण इसकी महिमा व्यापक प्रचार से वंचित है.

संबंधित खबर और खबरें

यहां लोहरदगा न्यूज़ (Lohardaga News) , लोहरदगा हिंदी समाचार (Lohardaga News in Hindi), ताज़ा लोहरदगा समाचार (Latest Lohardaga Samachar), लोहरदगा पॉलिटिक्स न्यूज़ (Lohardaga Politics News), लोहरदगा एजुकेशन न्यूज़ (Lohardaga Education News), लोहरदगा मौसम न्यूज़ (Lohardaga Weather News) और लोहरदगा क्षेत्र की हर छोटी और बड़ी खबर पढ़े सिर्फ प्रभात खबर पर .

होम E-Paper News Snaps News reels
Exit mobile version