लोहरदगा़ एमबी डीएवी विद्यालय में प्राचार्य जीपी झा के नेतृत्व व निर्देशन में जूनियर डीएवी के प्रभारी शिक्षक अश्विन पात्रों ने वन महोत्सव पर कार्यक्रम का आयोजन किया. मौके पर उन्होंने कहा कि भारत के लोगों के पास पेड़ों से संबंधित कई त्योहार हैं. ऐसा ही एक त्योहार है वन महोत्सव. वन महोत्सव की शुरुआत 1950 में तत्कालीन केंद्रीय कृषि और खाद्य मंत्री केएम मुंशी ने लोगों में वन संरक्षण और पेड़ लगाने के लिए उत्साह पैदा करने के लिए की थी. पेड़-पौधों का मानव जीवन में बड़ा महत्व है. ये हमें न सिर्फ ऑक्सीजन देते हैं, बल्कि तमाम प्रकार के फल-फूल, जड़ी-बूटियां और लकड़ियां आदि भी देते हैं. घर के आसपास पौधरोपण करने से गर्मी, भू क्षरण, धूल आदि की समस्या से बचा सकते हैं. विद्यार्थियों में वनों के महत्व को समझते हुए उनके प्रति लगाव की भावना जागरूक करने के उद्देश्य को ध्यान में रखते हुए विद्यालय में प्रतियोगिता का आयोजन किया गया. इसमें विद्यार्थियों को हरे रंग के वस्त्र धारण करने के साथ-साथ वनों के महत्व पर आधारित स्लोगन लेखन तथा कविता वाचन करना था. विद्यार्थियों ने प्रतियोगिता में बढ़-चढ़कर भाग लिया. जिसमें कक्षा नर्सरी एलकेजी व यूकेजी के बच्चों ने मनमोहक प्रदर्शन किया. कक्षा प्रथम की प्रतियोगिता में अर्पिता कुमारी, कन्यका कुमारी, सैसा सुदीप, वेदिका गुप्ता, निहारिका रंजन, राधिका उरांव, आरोही गोयल, अंजना कच्छप, कोमल दीक्षित, ऋत्विक कुमार, जूही रानी, साक्षी भगत, जयेश कुमार, वेदिका मेहता, अंस रंजन, विवान राज तथा अलीशा केरकेट्टा ने तथा कक्षा द्वितीय में पाही पूर्वी, अनन्या कुमारी, अलिका अंबर, सुफियान, काव्या मुखियार, प्रतिष्ठा गोराई, सेजल भगत, काव्य तरूशी, अन्वी रानी, नितारा साहू तथा ईशानवी राज ने काफी बेहतर प्रदर्शन किया. प्रतियोगिता में निर्णायक की भूमिका अश्विन पात्रों, सोमिता दास, रजनी प्रसाद व रिनी कुमारी ने निभायी.
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