तीन साल में सिर्फ 16 फीसदी काम, डिबार की जायेगी कंपनी

पलामू जिले में पेयजल व स्वच्छता विभाग की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन दम तोड़ रही है.

By SATYAPRAKASH PATHAK | March 19, 2025 9:04 PM
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मेदिनीनगर. पलामू जिले में पेयजल व स्वच्छता विभाग की महत्वाकांक्षी योजना जल जीवन मिशन दम तोड़ रही है. जिले के छतरपुर, विश्रामपुर, मोहम्मदगंज, हुसैनाबाद, हैदरनगर प्रखंड में करीब सात सौ करोड़ रुपये की लागत से जल जीवन मिशन योजना का काम अधर में है. उत्तरप्रदेश के आगरा की शिवानी इंफ्राटेक कंपनी को इस योजना को पूरा करने की जिम्मेवारी मिली थी. कंपनी के संवेदक के द्वारा निर्धारित अवधि के अंदर काम पूरा नहीं किया गया. विभाग के वरीय पदाधिकारी ने इस कंपनी के कार्यों की समीक्षा में पाया की करीब 16 प्रतिशत ही काम हो पाया है. कंपनी का प्रगति रिपोर्ट निराशाजनक है. तीन वर्ष पहले इस योजना का काम शुरू हुआ था. अगस्त 2025 में काम पूरा होना है. कंपनी के द्वारा जिस गति से काम किया जा रहा है, उससे यह स्पष्ट है इस योजना से लोगों को लाभ नहीं मिल पायेगा. तीन वर्षों में भी यह योजना पूरी नहीं होने से लोगों की आस टूट रही है. शुद्ध पेयजल की उम्मीद अब लोगों के लिए सपना बन कर रह गया है. नल -जल के माध्यम से लोगों को घरों तक शुद्ध पेयजल मुहैया कराने की योजना थी. जिले के विभिन्न प्रखंडों में यह योजना जनवरी 2025 में पूरा कर लेना था. निर्धारित लक्ष्य में कार्य को पूरा करने की बात तो दूर है. कार्य की प्रगति शून्य है. इसके अलावा हरिहरगंज, पिपरा, सोनपुरवा, देवरी खुर्द व देवरी कला में कार्य पूरा करने का संविदा आगरा के शिवानी इंफ्राटेक कंपनी को ही मिला है, लेकिन सभी जगह कार्य शिथिल पड़ा है. योजना निर्माण के लिए प्रखंडों में प्राक्कलित राशि अलग- अलग है. मोहम्मदगंज प्रखंड की चार पंचायतो में टंकी निर्माण की प्राक्कलित राशि 55.67 करोड़ है .जबकि अन्य प्रखंडों में पंचायतो की संख्या अधिक है. मोहम्मदगंज प्रखंड में इस योजना का कार्य मात्र 16 फीसदी ही पूरी हुई है. मोहम्मदगंज प्रखंड में तीन मार्च 2023 को योजना की आधारशिला रखी गयी थी. तीन जनवरी 2025 तक कार्य को पूरा करना है. लेकिन अभी तक सिर्फ 16 प्रतिशत कार्य किया गया है. विभाग ने जांच रिपोर्ट में निर्धारित समय में मात्र 16 फीसदी ही कार्य पाया है. एक माह से भी कम समय में कार्य पूरा करना है. संवेदक की कार्यशैली पर सवाल खड़ा हो गया है. मोहम्मदगंज में 55. 67 करोड़ से चार टंकी का निर्माण करना है. इंटेक वेल का प्रारंभिक दौर में निर्माण करना है. इस योजना से प्राक्कलन के अनुसार उक्त राशि से कादल कुर्मी, गोडाडीह, राम बांध व सोनबरसा पंचायत में टंकी निर्माण की आधारशिला रखी गयी है. लेकिन अभी तक 16 फीसदी कार्य हो पाया है. कादल कुर्मी पंचायत में टंकी के निर्माण की स्थिति तस्वीर में स्पष्ट है. पलामू डीसी शशिरंजन ने इस योजना की प्रगति रिपोर्ट की समीक्षा में अपडेट नहीं मिलने पर पांच अभियंताओं पर कार्रवाई का निर्देश दिया था. साथ ही वेतन पर रोक लगा दी थी.

मुख्य अभियंता ने कंपनी के खिलाफ कार्रवाई की अनुशंसा की

जल जीवन मिशन योजना की धीमी प्रगति को देखते हुए मुख्य अभियंता ने संवेदक के खिलाफ विभागीय कार्रवाई करने की अनुशंसा की है. इस मामले में विभाग के क्षेत्रीय मुख्य अभियंता निरंजन कुमार ने संवेदक को डिबार घोषित करने की अनुशंसा का पत्र अभियंता प्रमुख को भेजा है. छतरपुर अनुमंडल में इस कार्य की पूर्णता तिथि छह अगस्त 2024 है. जबकि यहां का कार्य प्रगति मात्र 14 फीसदी पाया गया है. यूपी के आगरा की एनएस इंफ्रा प्राइवेट लिमिटेड कंपनी को कार्य की जिम्मेवारी मिली है. जबकि हुसैनाबाद के सोनपुरवा देवरी खुर्द व देवरी कला में छह जून 2024 को कार्य पूरा करने की अवधि है. इस स्थल पर कार्य मात्र 13 फीसदी ही पूर्ण पाया गया है. प्रमंडल के तीनों क्षेत्रों में आगरा की कंपनी को कार्य पूरा करने को मिला है. तीनों क्षेत्रों में कंपनी के नामों को कुछ अन्य नाम देकर कार्य का एकरारनामा किये जाने से विभाग की कार्यशैली पर भी सवालिया निशान खड़ा होता है. इधर, विभाग के मुख्य अभियंता ने अभियंता प्रमुख को इस मामले में एकरारनामा को नियमानुसार विखंडित करने की कार्रवाई की अनुशंसा की है. बहरहाल पलामू प्रमंडल में ग्रामीणों को शुद्ध पेयजल मुहैया कराना संभव नहीं दिखता. विभागीय सूत्रों के अनुसार पलामू जिले के छतरपुर, विश्रामपुर, मोहम्मदगंज, हुसैनाबाद, हैदरनगर में कुल सात सौ करोड़ की लागत की योजना है. संबंधित प्रखंड के सभी गांवों में शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराना है. इंटक वेल से टंकी में पानी स्टोर कर पाइप लाइन से आपूर्ति करना था. ग्रामीणों ने बताया कि कई जगहों पर इंटक वेल निर्माण के बाद टंकी निर्माण कार्य में लगी कंपनी पूरी तरह फेल हो चुकी है. निर्धारित समय में कार्य पूरा नही किया गया. कंपनी इस विभाग के लिए अब सिरदर्द बन चुकी है. इस मामले में कंपनी को डिबार की अनुशंसा की गयी है. विभागीय सूत्रों के अनुसार सरकार के संबंधित मंत्री के पास मामला फंसा है. तीन माह हो चुके विभाग के लोगों को अब मंत्री के फैसले का इंतजार है. करोड़ो रुपये की यह महत्वाकांक्षी योजना अधर में पूरी तरह फंस गयी है.

कार्रवाई की प्रक्रिया चल रही है : कार्यपालक अभियंता

पीएचइडी के कार्यपालक अभियंता रमेश कुमार गुप्ता ने बताया कि कंपनी को डिबार करने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होंने कहा कि कंपनी को जल्द काम करने के लिए निर्देश दिया गया है.

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