क्लिनिक से गायब दिखे चिकित्सक
यहां जांच के समय डॉ मजहर हुसैन और आनंद क्लिनिक के संचालक डॉ विरेंद्र कुमार सिंह टीम के सामने रजिस्ट्रेशन और आवश्यक दस्तावेज पेश नहीं कर सके. इसके साथ ही टीम ने पाया कि आनंद क्लिनिक में कई मरीज भर्ती पाये गये, जिनमें से कुछ का गर्भाशय संबंधी ऑपरेशन किया गया था. लेकिन क्लिनिक से चिकित्सक गायब थे.
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सुप्रीम कोर्ट और स्वास्थ्य विभाग के निर्देश पर कार्रवाई
वहीं, जांच टीम ने बताया कि कई क्लिनिकों में मरीज भर्ती थे, लेकिन संबंधित चिकित्सक मौके पर अनुपस्थित थे. सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह ने जानकारी दी कि यह कार्रवाई सुप्रीम कोर्ट और स्वास्थ्य विभाग के निर्देशों के अनुरूप की गयी है. उन्होंने कहा कि ऐसे अवैध क्लिनिक, जो बिना मान्यता के चिकित्सा सेवाएं दे रहे हैं, उनके खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी. साथ ही जिन क्लिनिकों के दस्तावेज आधे-अधूरे या अवैध पाये गये हैं, उनके खिलाफ भी एफआईआर दर्ज की जायेगी.
फर्जी निजी अस्पतालों पर कार्रवाई सुनिश्चित
इस दौरान प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी और थाना प्रभारी ने स्पष्ट किया कि फर्जी तरीके से संचालित निजी अस्पतालों के खिलाफ विधिसम्मत कार्रवाई सुनिश्चित की जायेगी. इस अभियान में बीपीएम संजय कुमार सिंह सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे. सिविल सर्जन ने आश्वासन दिया कि इस तरह की जांच भविष्य में भी नियमित रूप से जारी रहेगी, ताकि मरीजों की सुरक्षा और स्वास्थ्य सेवाओं की गुणवत्ता सुनिश्चित की जा सके.
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