मेदिनीनगर. जिले के बिजली विभाग के द्वारा विश्रामपुर क्षेत्र में एग्रीकल्चर डेडीकेटेड फीडर लगाया जा रहा है. इस फीडर को लगाने में करीब सवा करोड़ खर्च किया जायेगा. जानकारी के अनुसार एक किलोमीटर तार खींचने में इसकी लागत 10 लाख रुपये लगेगा. इसी तरह सात किलोमीटर तार खींचा जायेगा. जबकि इस क्षेत्र में 20 ट्रांसफॉर्मर लगाये जायेंगे. एक ट्रांसफॉर्मर लगाने में ढाई लाख रुपये खर्च किया जायेगा. फीडर के लग जाने से खेती करने वाले किसानों को फायदा होगा. इस फीडर से किसान आसानी से अपने खेतों में पटवन कर सकेंगे. इसके लिए विभाग के द्वारा सात किलोमीटर बिजली का तार अलग से लगाया जा रहा है. इस फीडर के अंदर विभिन्न जगहों पर अलग से 20 ट्रांसफॉर्मर लगाये जा रहे हैं. इस ट्रांसफॉर्मर से सिर्फ वैसे लोगों को बिजली दी जायेगी. जो किसान खेती कर रहे हैं. एग्रीकल्चर डेडीकेटेड फीडर की सबसे बड़ी खासियत है कि इससे आम लोगों को बिजली उपयोग करने की इजाजत नहीं होती है. फीडर से पटवन के लिए एक निश्चित समय में निर्बाध बिजली दी जाती है. ताकि लोग अपने खेतों में पटवन कर सके. साधारणता सुबह में करीब चार घंटे व शाम में भी निश्चित समय पर चार घंटे बिजली निर्बाध आपूर्ति की जाती है. जिससे आसानी से किसान अपने खेतों में पटवन कर सकें. झारखंड के अलावे पंजाब हरियाणा जैसे राज्यों में एग्रीकल्चर डेडीकेटेड फीडर का काफी चलन है. वैसे राज्यों में इस फीडर से सिर्फ किसानों को बिजली दी जाती है. झारखंड में भी एग्रीकल्चर डेडीकेटेड फीडर की पूर्व में भी कल्पना की गयी थी. लेकिन यहां सफलता नहीं मिलने का सबसे बड़ा कारण है कि लोग जबरदस्ती इस फीडर से लाइन खींच लेते हैं. जिससे परेशानी होती है. हालांकि इस फीडर के लगने से किसानों को काफी फायदा होगा.
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