पांकी. पलामू जिले के पांकी प्रखंड के सुदूरवर्ती इलाके में आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन मनमाने तरीके से किया जाता है. जिस उद्देश्य को लेकर सरकार ने इस योजना को शुरू किया. वह सेविकाओं की मनमानी व पदाधिकारियों की उदासीनता के कारण धराशायी हाेता नजर आ रहा है. ग्रामीणों का कहना है कि बाल विकास परियोजना पदाधिकारी या महिला पर्यवेक्षिका क्षेत्र में भ्रमण नहीं करतीं. इस कारण आंगनबाड़ी सेविका व सहायिका मनमाने तरीके से केंद्र का संचालन करती हैं. क्षेत्र भ्रमण के दौरान प्रखंड के कई गांवों में आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया गया. कई जगहों पर केंद्र का संचालन सरकारी भवन में होता है. अधिकांश केंद्र का संचालन सेविका किराये के मकान में करती हैं. लोगों की माने तो सेविका अपने हिसाब से केंद्र का संचालन कर रही हैं. आंगनबाड़ी केंद्र कब खुलता है. यह गांव के लोगों को भी पता नहीं है. उनका कहना है कि सेविका अपने घर में केंद्र चलाती है और जब बच्चे जाते हैें तो उन्हें कह दिया जाता है कि आज छुट्टी है. कई गांव की सेविका अधिकांश समय बाहर रहती हैं. दिखावे के लिए महीने में कभी-कभार केंद्र खुलता है. क्षेत्र भ्रमण के दौरान केकरगढ़ पंचायत के द्वारिका गांव के जामुन टांड़ टोला में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाया गया. ग्रामीणों के मुताबिक इस केंद्र का संचालन भगवान भरोसे किया जा रहा है. इसी तरह केल्हवा पंचायत के कई आंगनबाड़ी केंद्र बंद पाये गये. ग्रामीणों ने दबी जुबान से बताया कि सिर्फ कागज पर ही केंद्र चल रहा है. सेविका के परिवार के लोग दबंग हैं. इस कारण गांव के लोग इस मामले में कुछ नहीं बोलते. प्रखंड के पांकी पूर्वी, नौडीहा, पुरुषोत्तमपुर, तेतराइ, कोनवाइ सुड़ीभांग सहित अन्य पंचायतों में संचालित आंगनबाड़ी केंद्र का संचालन मनमाने तरीके से किये जाने की शिकायत मिली है. ग्रामीणों का कहना है कि विभाग के लोग कभी-भी जांच के लिए नहीं पहुंचे हैं. इस मामले में सीओ सह प्रभारी सीडीपीओ राजकुंवर सिंह का पक्ष लेने का प्रयास किया गया, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पाया.
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