बेल्जियम के पर्यटक अनीता ने बताया कि पर्यटन के लिहाज से यह इलाका काफी महत्वपूर्ण है. यहां के हसीन वादियों में जंगली जानवरों को घूमते हुए देखना काफी रोमांचक है. पर्यटकों ने बताया कि वह भारत के कई महत्वपूर्ण हिस्सों को घूम चुकी है. अब तक वाराणसी के बाद आगरा, आसाम, सिक्किम, कर्नाटक गोवा के कई पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने के बाद यहां पहुंची है. भारत में वह कई बार आ चुकी है. यहां के लोग काफी मिलनसार हैं. एक दूसरे को सहयोग करते हैं. उन्होंने कहा कि आई लव इंडिया. भारत की संस्कृति अनूठी है. भारत के त्योहार भी निराले है. होली, दिवाली उन्हें काफी पसंद आता है. पर्यटकों ने बताया कि बेतला के अलावे लोध फॉल, सुग्गा बांध, मिरचइया फॉल सहित नेतरहाट तक का भ्रमण करेंगे.
कोरोना काल में थम गया था विदेशी पर्यटकों का आना
वैश्विक महामारी कोरोना के कारण बेतला में विदेशी पर्यटकों का आने का सिलसिला पूरी तरह से बंद हो गया था. विदेशी आगमन पर बैन होने के कारण बेतला भी विदेशी पर्यटकों से सुना सुना हो गया था. प्रत्येक वर्ष लाखों की संख्या में आसपास के पर्यटन स्थलों का भ्रमण करने वाले पर्यटकों में 100 से अधिक विदेशी पर्यटकों की भी तादाद होती है. विदेशी पर्यटकों के आने से बेतला सहित आसपास के पर्यटन स्थलों की गरिमा और बढ़ जाती है.
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विदेशी पर्यटको को दी जाती है विशेष सुरक्षा
बेतला में विदेशी पर्यटकों के आने के बाद उन्हें विशेष सुरक्षा दी जाती है. वन प्रबंधन व पुलिस प्रशासन के द्वारा उनकी पूरी निगरानी की जाती है. इतना ही नहीं स्थानीय लोग भी काफी सहयोग करते हैं. विदेशी भाषा नहीं समझने के बावजूद भी यहां के गाइड सहित अन्य लोग इशारों में भी बहुत कुछ समझ लेते हैं. उन्हें हर संभव सहयोग करते हैं और यहां के संस्कृति से भी रूबरू कराते हैं. बेतला वासियों के द्वारा अतिथि देवो भव के तर्ज पर सेवा भावना को देखकर विदेशी पर्यटक भी काफी प्रसन्न हो जाते हैं.