नोटिस चिपका कर पहुंचाई जा रही है सूचना
बेतला नेशनल पार्क सहित आसपास के इलाके में नोटिस चिपका कर इसकी सूचना आमजनों तक पहुंचाई जा रही है. साप्ताहिक बंदी का यह निर्देश पलामू बेतला नेशनल पार्क में पहली बार लगाया गया है. विभागीय पदाधिकारियों के अनुसार एनटीसीए गाइडलाइन के मुताबिक राष्ट्रीय पार्कों में साप्ताहिक बंदी करने का निर्णय लिया गया है. ऐसा करने के पीछे न केवल वन्य प्राणियों को पब्लिक गतिविधियों से बचाना है बल्कि वन प्रबंधन के द्वारा वन्य प्राणियों के संरक्षण और संवर्धन हेतु बेहतर कदम उठाने के लिए जरूरी है.
पार्क बंद करने के निर्णय से मायूसी
बेतला नेशनल पार्क के साप्ताहिक बंदी करने के निर्णय से पर्यटकों में उदासी है. बेतला के गाइड, टैक्सी चालक आदि का मानना है कि पार्क बंद होने से पर्यटकों को परेशानी होगी. क्योंकि कई पर्यटक इस सूचना से बेखबर हैं. हजारों रुपये खर्च करने के बाद जब बेतला पहुंचेंगे और उन्हें यह बताया जाएगा कि मंगलवार को पार्क नहीं घूम सकेंगे तो उन्हें या तो एक दिन बेतला ठहरना होगा अथवा बिना पार्क घूमे ही लौट जाना होगा. इससे पर्यटकों को परेशानी होगी. बेहतर यह होता कि पार्क को कुछ घंटे के लिए मंगलवार को बंद कर दिया जाता.
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सीजन में होगी ज्यादा परेशानी
बेतला में अक्टूबर महीने से लेकर जनवरी तक चार महीने का सीजन माना जाता है. क्योंकि इन दिनों प्रत्येक दिन सैकड़ों की संख्या में पर्यटक बेतला पहुंचते हैं. अब बंदी होने से पर्यटकों के अलावा पर्यटन से जुड़े लोगों को आर्थिक नुकसान उठाना पड़ेगा.
हर मंगलवार विरान नजर आएगा पार्क
पर्यटकों से गुलजार रहने वाला व्यक्ति नेशनल पार्क साप्ताहिक बंदी होने के कारण प्रत्येक मंगलवार को अब विरान नजर आएगा. पर्यटकों की गतिविधि होने से यहां चहल-पहल बनी रहती है.
बरसात में तीन महीने के लिए बंद हो जाता है पार्क
प्रत्येक वर्ष बरसात के महीने में एक जुलाई से 30 सितंबर तक भी तीन महीना के लिए पार्क को बंद कर दिया जाता है.