मेदिनीनगर. सोमवार को समाहरणालय के सभागार में स्वास्थ्य विभाग के कार्यों की समीक्षा बैठक हुई. बैठक में डीसी समीरा एस ने सभी चिकित्सा पदाधिकारियों, डीपीएम व बीपीएम को समाज के अंतिम व्यक्ति तक स्वास्थ्य सेवाओं को पहुंचाने का सख्त निर्देश दिया. उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग की व्यवस्था को सुदृढ़ करें, ताकि महिलाओं, बच्चों और आम नागरिकों को स्वास्थ्य सुविधा का बेहतर लाभ मिल सके. उन्होंने स्वास्थ्य केंद्रों में बेहतर बुनियादी व्यवस्था सुनिश्चित कराने व गर्भवती महिलाओं का शत-प्रतिशत एएनसी कराने का निर्देश दिया. डीसी ने संस्थागत प्रसव, गर्भवती महिलाओं के पंजीकरण, एनिमिया व अन्य जांच, ससमय आयरन एवं फोलिक एसिड टैबलेट्स देने, बीसीजी, हेपेटाइटिस, पोलियो टीकाकरण कार्य की समीक्षा की. स्वास्थ्य विभाग द्वारा प्रस्तुत किये गये संस्थागत प्रसव के रिपोर्ट के आंकड़ों में भिन्नता पाया गया. डीसी ने इस मामले में नाराजगी जताते हुए कड़ी फटकार लगायी. उन्होंने स्वास्थ्य विभाग के सभी चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम व बीपीएम को स्पष्ट रूप से रिपोर्ट देने का सुझाव दिया.डीसी ने जिले के सरकारी अस्पतालों व स्वास्थ्य केंद्रों में संस्थागत प्रसव की कमी पाये जाने पर नाराजगी जतायी. उन्होंने सिविल सर्जन से पूछा कि गर्भवती महिलाओं का प्रसव सरकारी अस्पतालों के अलावा कहां हो रहा है? निजी वैध क्लिनिक एवं स्वास्थ्य केंद्रों में होने वाले प्रसव का डाटा संग्रह करें.यदि बिना निबंधन के निजी क्लिनिक या अस्पतालों का संचालन हो रहा है, तो उसके विरुद्ध कड़ी कार्रवाई करें. उन्होंने सिविल सर्जन व चिकित्सा पदाधिकारियों को अवैध रूप से संचालित निजी क्लिनिक व अस्पतालों की जांच करने का निर्देश दिया. उन्होंने सीएस से वैध क्लिनिक व अस्पतालों की सूची मांगा है. निजी क्लिनिक व अस्पतालों में होने वाले प्रसव और स्वास्थ्य संबंधी गतिविधियों का विस्तृत रिपोर्ट दो सप्ताह में जमा करने को कहा गया. डीसी ने सरकारी अस्पताल व स्वास्थ्य केंद्रों को व्यवस्थित करने के लिए आवश्यक सामग्री व खरीदने का निर्देश दिया. उन्होंने साफ तौर पर कहा कि बिना जरूरत के सामग्री या उपकरण का खरीद नहीं होनी चाहिए. अस्पतालों में दवा, बिजली, पेयजल, शौचालय, रंगरोगन, चारदीवारी सहित अन्य बुनियादी सुविधाओं की कमी की शिकायत नहीं मिलनी चाहिए. डीसी ने आंगनबाड़ी सेविका व स्वास्थ्य साहिया के माध्यम से गर्भवती महिलाओं को नियमित जांच कराने के प्रति जागरूक करने का सुझाव दिया.आयुष्मान भारत योजना से प्राप्त 75 प्रतिशत राशि संस्थान के रख रखाव में खर्च करने का सुझाव दिया.मौके पर सिविल सर्जन डा अनिल कुमार श्रीवास्तव, जिला आरसीएच पदाधिकारी डा विजय सिंह, प्रखंड चिकित्सा पदाधिकारी, डीपीएम, बीपीएम आदि मौजूद थे.
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