मेदिनीनगर. राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सह ओड़िशा के पूर्व राज्यपाल रघुवर दास ने कहा कि भारत की आजादी की लड़ाई में महिलाओं का भी योगदान रहा है. मालवा की सत्ता का बागडोर संभालने के बाद रानी अहिल्याबाई होलकर ने मातृभूमि की रक्षा की. अपने 28 वर्षों के शासनकाल में रानी अहिल्याबाई होलकर ने मालवा को सुरक्षित व समृद्ध किया. वहीं समाज में व्याप्त कुरीतियों व रूढ़ीवादिता के खिलाफ आवाज बुलंद की. उनके शासनकाल में महिलाओं की सुरक्षा सर्वोपरि थी. सती प्रथा को समाप्त करने व विधवा महिला को समाज में सुरक्षा व सम्मान देने की दिशा में कार्य किया. झारखंड के पूर्व सीएम रघुवर दास मंगलवार को शहर के पंडित दीनदयाल उपाध्याय स्मृति नगर भवन में आयोजित रानी अहिल्याबाई होलकर की 300वीं जयंती समारोह में बोल रहे थे. कार्यक्रम की अध्यक्षता पार्टी के जिलाध्यक्ष अमित तिवारी ने की. संचालन जिला महामंत्री ज्योति पांडेय ने किया. पूर्व सीएम श्री दास ने रानी अहिल्याबाई के संघर्षपूर्ण जीवन गाथा के बारे में विस्तार से बताया. कहा कि उन्हें स्कूल जाने का अवसर नहीं मिला. लेकिन उनके माता-पिता ने घर में ही नैतिक मूल्यों का पाठ पढ़ाया. उनके साहस, विनम्रता व शालीनता से प्रभावित होकर मालवा के शासक ने अपने पुत्र से उनका विवाह कराया. उनका जीवन सादगीपूर्ण था. लेकिन संघर्षों व दुखों से भरा रहा. 29 वर्ष की अवस्था में ही रानी अहिल्याबाई के पति व पुत्र की मौत हो गयी. इसके बाद उन्होंने मालवा की सत्ता संभाली. उन्होंने आक्रांताओं के द्वारा भारत में क्षतिग्रस्त किये गये मंदिर, हरिद्वार व काशी में गंगा घाट का जीर्णोद्धार कराया था. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने उनकी विरासत को आगे बढ़ाते हुए अयोध्या में श्रीराम मंदिर, काशी में विश्वनाथ कोरिडोर, ओड़िशा में जग्रन्नाथ महाप्रभु कोरिडोर, गुवाहाटी में माता कामाख्या मंदिर कॉरिडोर का निर्माण कराया. रानी अहिल्याबाई होल्कर के कार्यों व नीतियों से सीख लेकर राज्य व देश के विकास में सक्रिय योगदान देने की आवश्यकता है. उन्होंने कहा कि रानी अहिल्याबाई की विरासत का ही यह परिणाम है कि महिलाएं घर-परिवार को संभालते हुए कॉरपोरेट, शासन व युद्ध के मैदान का नेतृत्व कर रही है. जिस तरह रानी अहिल्याबाई ने अपने दुखों व संघर्षों से हार नहीं मानी और उसे अपनी शक्ति बना कर मालवा को समृद्ध किया. उसी प्रकार देश की महिलाएं हर क्षेत्र में आगे बढ़ रही है. सुरक्षा बलों में महिलाओं की भागीदारी व वैज्ञानिक अनुसंधान में उनके योगदान को भुलाया नहीं जा सकता. पूर्व मुख्यमंत्री श्री दास ने कहा कि भाजपा ने झारखंड के विकास के लिए अलग राज्य का गठन किया है. फिलहाल झारखंड में आसुरी शक्तियों का शासन चल रहा है. इन आसुरी शक्तियों से झारखंड को मुक्त कराना जनता की जिम्मेवारी है. जनता के टैक्स के पैसे से ही शासन-प्रशासन में बैठे लोगों को वेतन मिलता है. जनता को यह तय करना है कि झारखंड को लूटखंड नहीं बनने देंगे. इसके लिए हमेशा सजग व मुखर रहने की जरूरत है.
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