पलामू में बढ़ती गर्मी के बीच गर्म हवा झुलस रही
पलामू में पिछले आठ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. 15 अप्रैल के बाद प्रतिदिन तापमान बढ़ रहा है.
मेदिनीनगर. पलामू में पिछले आठ दिनों से तापमान में बढ़ोतरी हो रही है. 15 अप्रैल के बाद प्रतिदिन तापमान बढ़ रहा है. मंगलवार को पलामू का तापमान 44 डिग्री सेल्सियस तक पहुंच गया था. सुबह से ही गर्मी एहसास होने लगा था और 10 बजे के बाद गर्म हवा चलने लगी. यह स्थिति बुधवार को भी रही. तेज धूप गर्मी व गर्म हवा चलने से बदन झुलसता रहा. आम आदमी परेशान दिखा. बढ़ती गर्मी व लू से बचने के लिए लोग उचित जगह की तलाश करते देखे गये. दोपहर में धूप परवान पर था. सड़क पर आवाजाही कम हो गयी. जो राहगीर चल रहे थे वे अपने सिर व चेहरे को ढंके हुये थे. इस स्थिति में गर्मी व लू से बचाव के लिए लोग तरल पदार्थ व मौसमी फल का सेवन करते देखे गये. लोग सत्तू, गन्ना का रस, नारियल पानी का सेवन कर रहे थे. इसके अलावा तरबूज, खीरा, ककड़ी की दुकान पर भी भीड़ देखी गयी. लोग अपनी जरूरत के अनुसार खरीददारी कर रहे थे. जगह-जगह पर ठेला लगा कर दुकानदार नारियल पानी, तरबूज, खीरा-ककड़ी बेच रहे थे. बुधवार को पलामू का तापमान 43 डिग्री सेल्सियस रहा. लेकिन गर्मी, धूप व गर्म हवा में कमी महसूस नहीं हुई. लोग हलकान व परेशान दिखे. पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने कहा कि जिस तरह तापमान में वृद्धि हो रही है. लोगों को इससे सावधान रहना चाहिए. यदि अति आवश्यक कार्य न हो तो घर में रहना ही बेहतर है. अनिवार्य कार्य के लिए घर से बाहर निकलते समय आवश्यक सावधानी बरतना चाहिए. पर्याप्त पानी का सेवन करें और सिर से पांव तक सूती कपड़ा पहनें. लू लगने की स्थिति में आवश्यक घरेलु उपचार करते हुए चिकित्सक से इलाज करायें. सर्वप्रथम गर्म जगह से हट कर ठंडी जगह पर रहें. तरल पदार्थ का सेवन करें. पलामू जिला आयुष चिकित्सा पदाधिकारी डॉ आरएन कारक ने कहा कि धूप व गर्मी में सावधानी जरूरी है. लोगों को मौसमी फल जैसे तरबूज, खीरा, ककड़ी, नारियल पानी का सेवन करना चाहिए. इसके अलावा सत्तू का सेवन करें, ओआरएस का घोल पीयें. खाली पेट कभी नहीं रखें. पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन करें. इन उपायों के साथ धूप से बचने का प्रयास करें.
स्कूली बच्चों को धूप व गर्म हवा से हो रही परेशानी
पिछले करीब एक सप्ताह से पलामू जिले के शहरी एवं ग्रामीण इलाकों में तेज धूप व गर्मी बढ़ी है. दो दिनों से गर्म हवा चल रही है. सरकारी व निजी विद्यालय प्रात:कालीन संचालित हो रहे हैं. स्कूली बच्चों की छुट्टी करीब 11:30 बजे के बाद होती है. उस समय धूप व गर्मी परवान पर रहती है. बड़े निजी स्कूल के बच्चे बस से घर पहुंचते हैं, लेकिन सबसे ज्यादा परेशानी सरकारी स्कूल के बच्चों को हाेती है. जिला मुख्यालय मेदिनीनगर के केजी स्कूल, जिला स्कूल, आबादगंज बीसीसी मिशन स्कूल सहित अन्य विद्यालयों में दूर दराज के बच्चे पढ़ने जाते हैं. सुबह में तो वे लोग आराम से स्कूल पहुंचते हैं. लेकिन दोपहर में स्कूल की छुट्टी होने के बाद धूप में दो से तीन किलोमीटर दूरी तय कर पैदल घर पहुंचना काफी मुश्किल होता है. पढ़ाई के जुनून में बच्चे अपने जान की परवाह किए बिना नियमित स्कूल जा रहे हैं. लेकिन जिस तरह गर्मी, धूप व लू का प्रकोप तेजी से बढ़ रहा है. ऐसी स्थिति में अविभावकों, स्कूल प्रबंधन व प्रशासन को भी गंभीर होकर सोचना चाहिए. पांच मिनट धूप में खड़ा रहने से बदन झुलसने लगता है. प्रशासन को यह सोचना चाहिए की दोपहर में सूरज अपना तेवर दिखाते हैं, उस समय दो से तीन किलोमीटर चल कर बच्चे कैसे घर पहुंचते हैं, उनकी क्या दशा होती होगी.
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