मेदिनीनगर. गर्मी के दस्तक देते ही पलामू प्रमंडलीय मुख्यालय मेदिनीनगर में जल संकट शुरू हो जाता है. फिलहाल शहर के प्राय: सभी मुहल्ले में जल संकट गहरा गया है. लोग पानी के लिए परेशान हैं. इधर नगर निगम प्रशासन के द्वारा शहर में जलापूर्ति योजना का संचालन किया जा रहा है. लेकिन उचित देख-भाल के अभाव में जलापूर्ति का कार्य प्रभावित हो रहा है. पिछले एक सप्ताह से शहर के बेलवाटिका पंपू कल से अनियमित जलापूर्ति हो रही थी. इस वजह से शहर के लोग परेशान थे. जब निगम प्रशासन के पास फोन कर लोगों ने अनियमित जलापूर्ति की शिकायत की तो उन्हें बताया जाता कि काेयल नदी में पानी बढ़ जाने के कारण परेशानी हो रही है. लेकिन हकीकत कुछ और था. पंपू कल में पानी को साफ करने के लिए फिटकिरी, चूना व ब्लिचिंग पाउडर खत्म हो गया था. मालूम हो कि पिछले दिनों बारिश होने से कोयल नदी में गंदा पानी बह रहा था. फिटकिरी व अन्य आवश्यक सामग्री के अभाव में शहर में जलापूर्ति प्रभावित हुई. शुरुआती दौर में निगम प्रशासन ने काेयल नदी से उठा कर बगैर साफ किये ही जलापूर्ति का प्रयास किया. लेकिन शिकायत मिलने पर तत्काल इसे रोक दिया गया. मालूम हो कि शहर में कई जगहों पर सीधी जलापूर्ति होती है. निगम प्रशासन ने शाहपुर व चियांकी जलापूर्ति केंद्र से कुछ फिटकिरी लाकर किसी तरह एक सप्ताह काम चलाया. इस दौरान शहर में जलापूर्ति के नाम पर केवल खानापूर्ति की गयी. किसी भी क्षेत्र में पर्याप्त जलापूर्ति नहीं हुई. शनिवार की शाम में टाटा से फिटकिरी मंगायी गयी. जानकारी के मुताबिक पानी को फिल्टर करने के लिए जिन सामग्रियों की जरूरत होती है, उसकी व्यवस्था निगम प्रशासन ने नहीं की थी. इन सामग्रियों की आपूर्ति के लिए निगम प्रशासन के द्वारा निविदा निकाली गयी थी. आपूर्तिकर्ता का भी चयन हो गया था. आपूर्तिकर्ता की उदासीनता के कारण सामग्री की आपूर्ति नहीं हो पायी. बताया जाता है कि स्थानीय बाजार में न्यूनतम क्वालिटी का चूना व ब्लिचिंग पाउडर उपलब्ध रहता है, लेकिन फिटकिरी स्थानीय बाजार में उपलब्ध नहीं है. शहर में जलापूर्ति होने के बाद निगम प्रशासन की नींद खुली और सामग्री की आपूर्ति के लिए आपूर्तिकर्ता पर दबाव बनाया. इसके बाद शनिवार की शाम में जमशेदपुर से फिटकिरी व अन्य सामग्री मंगायी गयी.
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