कुंदन चौरसिया, मोहम्मदगंज
पुल बनाने के नाम पर काटे गये है कई बेशकीमती पेड़
नदियों के अतिक्रमण से छठ महापर्व में बढ़ी परेशानी
काशी स्रोत नदी किनारे करीब दर्जनों गांव के ग्रामीणों को नदी का अतिक्रमण के कारण छठ पर्व मनाने में परेशानी बढ़ी है. पहले गांव के समीप नदी के तट पर रात भर रुकते थे. अर्ध्य देकर सुबह वापस लौटते थे. लेकिन अब अतिक्रमण के कारण पूजा अर्चना करने में काफी परेशानी होती है. कई स्वनिर्मित छठ घाट अतिक्रमण से प्रभावित हो गया है. लोग अब मोहम्मदगंज कोयल नहर व कोयल नदी में छठ पूजा करने पहुंचते है. लोगो ने बताया कि काशी स्रोत नदी का अतिक्रमण के साथ एक और पहाड़ी नदी रजबरिया का भूमि भी बड़े पैमाने पर अतिक्रमण किया गया. जिसमे अब खेती भी होती है. रजबरिया नदी की भूमि की अब खरीद बिक्री भी होने की बात कही जा रही है. ग्रामीण राजेन्द्र मेहता व नरेश राजवार ने प्रकृति का दिया हुआ उपहार नदियों को अतिक्रमण से मुक्त करने की बात कही है. जिससे इलाके में नदी व इसके किनारे लगे पेड़ पर्यावरण को संतुलित रखने में सहायक बने.डिस्क्लेमर: यह प्रभात खबर समाचार पत्र की ऑटोमेटेड न्यूज फीड है. इसे प्रभात खबर डॉट कॉम की टीम ने संपादित नहीं किया है