क्या है पूरा मामला
बता दें कि प्रतिबंधित आतंकवादी द्वारा बुलाई गई तथाकथित ‘जन अदालत’ (जन सुनवाई) में भाकपा (माओवादी) के शीर्ष नेतृत्व और नक्सल कैडरों द्वारा पुलिस मुखबिर के रूप में लेबल किए जाने के बाद, 2 नवंबर 2018 की रात को भोक्ता का अपहरण कर लिया गया था और उसकी हत्या कर दी गई थी. जिसके बाद उसका शव बिहार के औरंगाबाद जिले के मदनपुर थाना क्षेत्र के बधाई बिगहा गांव के पास बरामद किया गया था.
किन लोगों की हुई थी गिरफ्तारी
वहीं, एनआईए ने 24 जून 2022 को इस मामले को बिहार पुलिस से अपने हाथ में लिया था. इस मामले में अब तक कुल नौ लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है. फरवरी 2023 में, एनआईए ने 01 अभियुक्तों अजय सिंह भोक्ता पुत्र जगदीश सिंह भोक्ता के खिलाफ आईपीसी की धारा 120बी, 121ए, 364, 471 और 302, आर्म्स एक्ट की धारा 25 (1ए) और 27, धारा 27 के खिलाफ पूरक चार्जशीट दायर की थी. और अपनी जांच के दौरान, एनआईए ने हत्या की साजिश में सीपीआई (माओवादी) कमांडरों की संलिप्तता का पता लगाया था. हत्या में इस्तेमाल किए गए हथियार और वाहन भी बरामद किए थे.
कल इन लोगों के घर हुई थी छापेमारी
इधर, बुधवार की सुबह, बिहार एनआईए की टीम ने पलामू जिले के माओवादी स्टेट कमिटी सदस्य अभिजीत यादव और सब जोनल कंमाडर राम प्रसाद यादव के घर में छापेमारी की थी. एनआईए की टीम दोनों माओवादियों के घर में विभिन्न दस्तावेजों को खंगाला था. माओवादी अभिजीत यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बंधुडीह गांव का रहने वाला है, जबकि प्रसाद यादव छतरपुर थाना क्षेत्र के बगैया गांव का है. झारखंड सरकार ने टॉप माओवादी अभिजीत यादव पर 10 लाख एवं प्रसाद यादव पर पांच लाख का इनाम रखा था.