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जनवरी में की गयी थी आपूर्ति
इस संबंध में बताया गया कि जनवरी 2025 में जमशेदपुर की एक दवा कंपनी के द्वारा पलामू जिले में कैल्शियम के टैबलेट की आपूर्ति की गयी थी. कैल्शियम की दवा 62 लॉट या बैच में आपूर्ति की गयी थी. दवा आपूर्ति के समय आपूर्तिकर्ता के द्वारा लिखित रूप में दिया गया था कि सभी दवाएं गुणवत्तापूर्ण है. लेकिन कोलकाता के लैब में जब इसकी जांच हुई, तो सच कुछ और ही निकला.
ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से जांच के लिए भेजी गयी दवा
मामले को लेकर पलामू के सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार सिंह ने कहा कि सभी 62 लॉट या बैच की दवा ड्रग इंस्पेक्टर के माध्यम से सरकार के लैब में जांच के लिए भेजी गयी थी. सिविल सर्जन डॉ अनिल कुमार ने बताया कि इस दवा का रोगियों को बीच वितरण नहीं किया गया है. इसके साथ ही अस्पताल प्रबंधन ने जिन 18 लॉट की दवा गुणवत्तापूर्ण नहीं पायी गयी है. उस संबंध में आपूर्तिकर्ता को लिखित आदेश दिया गया है कि आपूर्ति की गयी दवा गुणवत्तापूर्ण नहीं है. इसे अस्पताल से वापस लेकर गुणवत्तापूर्ण दवा की आपूर्ति करें.
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सप्लायर को दिये गये निर्देश
वहीं, डॉ अनिल कुमार ने कहा कि लैब में जांच के बाद स्पष्ट हो गया है कि मानक के अनुरूप दवा आपूर्ति नहीं की गयी है. आपूर्तिकर्ता को कैल्शियम की दवा जल्द उपलब्ध निर्देश दिया गया है. सिविल सर्जन ने बताया कि जनवरी माह में कैल्शियम दवा की आपूर्ति की गयी थी. वितरण से पूर्व फरवरी माह में जांच के लिए लैब भेजा गया था. रिपोर्ट आने के बाद जमशेदपुर के आपूर्तिकर्ता (सप्लायर ) को वापस दवा ले जाने का निर्देश दिया गया है.
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