मेदिनीनगर-पलामू जिले में कार्यरत 251 अनुसेवकों को डीसी शशिरंजन ने बर्खास्त कर दिया है. इस संबंध में डीसी ने पत्र जारी कर कहा है कि सर्वोच्च न्यायालय द्वारा सिविल अपील नंबर 13950-13951/ 2024 में पारित आदेश के अनुपालन के संबंध में 22 फरवरी को बैठक हुई थी. इसमें निर्णय लिया गया कि विज्ञापन संख्या 1/2010 व 2/2010 से संबंधित नियुक्त सभी अनुसेवकों को अविलंब सेवा से बर्खास्त करते हुए कार्य मुक्त करना सुनिश्चित करें.
डीसी शशिरंजन द्वारा जारी पत्र में क्या गया है?
पलामू के डीसी शशिरंजन द्वारा जारी पत्र में कहा है कि नियुक्त सभी अनुसेवकों में से सेवानिवृत्ति, मृत होने की स्थिति में उनके आश्रितों को स्वीकृत पेंशन, पारिवारिक पेंशन, अनुकंपा नियुक्ति संबंधी सभी प्रदत्त लाभ को भी रद्द करना सुनिश्चित करें. इस संबंध में सभी कार्यालय प्रधान को निर्देश दिया गया है कि 24 घंटे के अंदर अनुपालन प्रतिवेदन भेजना सुनिश्चित करें.
आदिवासी लड़की का सिर मुंडवा कर घुमाने से संबंधित मामले में सुनवाई
नयी दिल्ली स्थित राष्ट्रीय अनुसूचित जनजाति आयोग के कार्यालय में पलामू में आदिवासी लड़की का सिर मुंडवा कर घुमाने से संबंधित मामले की सुनवाई हुई. आयोग की ओर से इस मामले में पलामू के उपायुक्त शशि रंजन को नोटिस जारी किया गया था, लेकिन वे उपस्थित नहीं हुए. उनकी ओर से आयोग को किसी प्रकार की सूचना भी नहीं दी गयी. पलामू जिले के उपायुक्त शशि रंजन के इस आचरण पर आयोग की सदस्य डॉ आशा लकड़ा ने नाराजगी जतायी और कहा कि आदिवासी लड़की के साथ इस प्रकार का दुर्व्यवहार किया गया, फिर भी पलामू के उपायुक्त की ओर से इस मामले में अब तक कोई कार्रवाई नहीं की गयी. अगली सुनवाई के दौरान पलामू के उपायुक्त उपस्थित नहीं हुए, तो उनके विरुद्ध वारंट जारी किया जायेगा. इससे पूर्व भी एक मामले में पलामू के उपायुक्त शशि रंजन को आयोग की ओर से दो बार नोटिस व दो बार समन जारी किया जा चुका है. इसकी जानकारी झारखंड के मुख्य सचिव को पत्र के माध्यम से दी जा चुकी है.
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