पलामू : प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में करोड़ों का घोटाला! दो शो कॉज, लपेटे में आ सकते हैं कई अधिकारी-कर्मी

पलामू में प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में करोड़ों के घोटाले की संभावना है. घोटाले के सूत्र मिलते ही विभाग सख्त हो गई है. दो कर्मियों को शो कॉज किया गया है. कहा जा रहा है कि कई अधिकारी और कर्मी इसके लेपेटे में आ सकते हैं. कैसे हुआ आवास-आवास खेल यह जानने के लिए पढ़िए पूरी खबर...

By Prabhat Khabar Digital Desk | June 6, 2023 2:45 PM
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पलामू, सैकत चटर्जी. पलामू के मेदिनीनगर नगर निगम में चल रहे प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना में बड़ा घोटाला सामने आया है. जैसा कि अनुमान लगाया जा रहा है, उससे घोटाले की राशि कोरोड़ों में होने की आशंका है. इसकी भनक लगते ही ऊपर से लेकर नीचे तक सारे विभागीय पदाधिकारी और कर्मी रेस हो गए हैं. अभी प्रथम दृष्ट्या में जिन दो आरोपियों का नाम सामने आया है, उनसे विभागीय स्पष्टीकरण मांगा गया है.

जानिए कैसे हुआ आवास-आवास खेल

प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के कार्यों में लगे जिस घोटाले की आशंका जताई जा रही है, उसमें अधिकारी से लेकर कर्मी तक शामिल हो सकते हैं. इन लोगों ने लाभुक सूची में से लाभुकों का नाम ही बदल दिया है, जिससे योजना का पैसा दूसरे के खाते में चला जा रहा है. कहा जा रहा है कि इसे बहुत चतुराई से किया गया है, लेकिन अचानक लाभुक सूची की जांच के दौरान ऐसे मामले सामने आ गए.

दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी

मामला सबके नजर में आने के बाद मेदिनीनगर नगर निगम के नगर आयुक्त ने आरोपियों के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विभाग को पत्र लिखा है. इसके अलावा घोटाले को अंजाम देने वाले दोषी अधिकारी और कर्मियों को बर्खास्त करने की तैयारी चल रही है. इसके लिए काफी सतर्कता बरती जा रही है. विभागीय स्तर पर जांच भी शुरू कर दी गई है. इस घोटाले की लपेट में कौन कौन आयेगा, इसे लेकर पूरे निगम में चर्चा है. सभी में हड़कंप मचा हुआ है. फिलहाल नगर आयुक्त सह डीसीसी रवि आनंद ने इस मामले में प्रधानमंत्री आवास योजना का काम संभालने वाले सीएलटीसी कल्याण कुमार और अंकेश अखौरी के खिलाफ कार्रवाई के लिए नगर विकास विभाग को पत्र लिखा है. इनसे स्पष्टीकरण मांगा गया है. नगर निगम क्षेत्र के सभी आवास योजनाएं अब जांच प्रक्रिया से गुजरेगी, जांच में गड़बड़ी पाए जाने के बाद लाभुकों और कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी.

कैसे हो रिकवरी?

एक तरफ जहां निगम इस मामले में संलिप्त अपने अधिकारियों व कर्मियों के खिलाफ कार्रवाई की तैयारी कर रहा है. वहीं गलत तरीके से लाभ लेने वालों से भी रिकवरी की योजना बनाई जा रही है. इस गड़बड़झाला में शामिल सभी लाभुकों की सूची बनाई जा रही है. उसके बाद उन्हें रिकवरी की चिट्ठी थमाई जायेगी. अगर नियत समय में वे पैसा जमा नहीं करते हैं, तो उनपर भी कार्रवाई मुमकिन है.

कैसे लगी घोटाले की भनक

प्रधानमंत्री आवास योजना के तहत मेदिनीनगर नगर निगम क्षेत्र में 2018-19, 2019-20, 2020-21, 2021-22 और वर्तमान में आवेदन देने वाले लाभुकों की जांच शुरू की गयी थी. इस जांच में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी पकड़ी गई. पाया गया कि लाभुकों के नाम के साथ छेड़छाड़ किया गया है. 2019-20 और 2020-21 की योजना में लगभग 400 लाभुकों का नाम बदल कर इस घोटाले को अंजाम दिया गया है. मालूम हो कि प्रधानमंत्री शहरी आवास योजना के तहत एक लाभुक को 2.30 लाख रुपये दिए जाते हैं.

जानिए कैसे हुआ आवास सेटिंग

प्रधानमंत्री आवास योजना का लाभ लेने के लिए आवेदकों का डाटा ऑनलाइन अपलोड किया जाता है. डाटा को अपलोड कर डीपीआर तैयार करने के बाद उसे केंद्र सरकार को भेजा जाता है. आवास योजना स्वीकृत होने के बाद एक बार फिर से यह डाटा नगर निगम के पास वापस पहुंचता है. डाटा आने के बाद नगर निगम चयनित लाभुकों की सूची अपलोड करती है. फिर उन्हें पहली किस्त का भुगतान किया जाता है. अब इस प्रक्रिया में मेदिनीनगर नगर निगम के कर्मियों ने दोबारा सूची अपलोड करने के दौरान लाभुकों के नाम ही बदल दिया है. केंद्र ने जिन लाभुकों के नाम की स्वीकृति नहीं दी थी, उन लाभुकों के नाम का चयन कर अपलोड किया गया है और उन्हें आवास योजना की राशि का भुगतान किया गया है.

एक पहलू यह भी है

निगम से मिले निजी सूत्रों के अनुसार एक बात यह भी सामने आ रही है कि वास्तव में जितनी फाइलों में गड़बड़ी की बात कही जा रही है, उतनी है नहीं. सूत्रों की मानें तो कुल 178 लाभुकों की सूची राज्य सरकार से मिली थी, जिनका नाम का मिलान नहीं हो पा रहा था. यह गड़बड़ी इंग्लिश से हिंदी टाइप के कारण हुई थी और कहीं-कहीं लाभुक सूची में पत्नी के स्थान पर पति का नाम चढ़ा दिया गया था, ऐसा कहा जा रहा है. इनमें से 54 को छोड़ बाकी फाइलों को मिलान कर दी गई थी. 54 में से भी 30 फाइलों को पूर्व नगर आयुक्त एस समीरा ने जांच के बाद संतुष्ट होते हुए सूची में शामिल कर लिया था. अब सच्चाई क्या है यह तो पूरे योजना के जांच के बाद ही कहा जा सकता है.

क्या कहते हैं आरोपी

अभी तक इस घोटाले में जिन दो कर्मियों का सीधा नाम सामने आया है, वे सीएलटीसी कल्याण कुमार और अंकेश अखौरी हैं. प्रभात खबर ने इन दोनों से इनका पक्ष जानने के लिए इनसे संपर्क किया. अंकेश अखौरी से बात नहीं हो पाई, जबकि कल्याण कुमार ने कहा कि इस संबध में उन्हे नगर आयुक्त से स्पष्टीकरण की चिट्ठी मिली है. इसलिए वे मीडिया में कुछ नहीं कहेंगे, उनका जो भी पक्ष है, उससे विभाग को अवगत कराया जाएगा.

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