हुसैनाबाद. अनुमंडलीय अस्पताल में सोमवार को इलाज के दौरान एक महिला की मौत हो गयी. इसके बाद मरीज के परिजनों ने अस्पताल में हंगामा किया. इस वजह से अफरा-तफरी मच गयी. आक्रोशित परिजन चिकित्सक पर इलाज में लापरवाही बरतने का आरोप लगा रहे थे. हंगामा के कारण चिकित्सक आकाश खलखो ने अपने चेंबर में घुस कर जान बचायी. थाना क्षेत्र की बड़ेपुर पंचायत के बाजारी बुधआ गांव में मृतका शगुफ्ता खातून का मायके है. मृतका के छोटे भाई तौसीफ आलम व मां अफरोजी बीबी ने बताया कि दोपहर में शगुफ्ता खातून के पेट में दर्द शुरू हुआ. तत्काल उसे इलाज के लिए निजी महिला चिकित्सक सीमा मिश्रा के पास लाया गया. महिला चिकित्सक ने जांच करने के बाद बताया कि वह गर्भवती नहीं है. पेट में दर्द किस कारण से हो रहा है इसकी जांच के लिए अनुमंडलीय अस्पताल में ले जाइए. मृतका की मां ने बताया कि उसे अनुमंडलीय अस्पताल में लाया गया. चिकित्सक आकाश खलखो ने मरीज को देखे बिना ही इंजेक्शन व स्लाइन चढ़ाने सुझाव कर्मियों को दिया. बताया जाता है कि इंजेक्शन लगाने के बाद मरीज की स्थिति बिगड़ने लगी. यह हालत देख कर चिकित्सक ने उन लोंगों से दवा की पर्ची मांगी और रेफर करने की बात कही. इसी दौरान शगुफ्ता ने दम तोड़ दिया. मृतक के परिजन चिकित्सक को दोषी मान रहे हैं. घटना की जानकारी मिलने पर मृतका के अन्य परिजन व गांव के लोग अस्पताल पहुंच कर हंगामा करने लगे. परिजनों ने चिकित्सक से उस पर्ची की मांग कर रहे थे, जिस पर शगुफ्ता की दवा लिखी गयी थी. चिकित्सक उस पर्ची को अपने पास ही रखे हैं. परिजनों का आरोप है कि चिकित्सक आकाश खलखो शराब के नशे में धुत थे और ड्यूटी कर रहे थे. हंगामा की सूचना मिलने पर थाना प्रभारी अस्पताल पहुंचे और परिजनों को शांत कराने का प्रयास किया, लेकिन परिजन चिकित्सक को कक्ष से बाहर निकालने की मांग पर अड़े थे. थाना प्रभारी सोनू कुमार चौधरी, प्रखंड विकास पदाधिकारी सुनील वर्मा ने चिकित्सक आकाश खलखो से दरवाजा खोल कर बाहर आने के लिए कहा, लेकिन वे बाहर नहीं आये. इससे मृतक के परिजन और आक्रोशित हो गये.
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