इस कार्य में स्टेशन के कर्मचारी के अलावे बरकाकाना डीटीएम ऑफिस के भी कई लोगों का मौन समर्थन प्राप्त है. पोकलेन मशीन में बड़ा-बड़ा दांता लगा है जिससे वैगन को काफी नुकसान हो रहा है. ठिकेदार (लिफ्टर) व कुछ कर्मचारी के मिलीभगत से राष्ट्रीय संपत्ति को नुकसान पहुंचा रहे हैं.
यह कार्य ज्यादातर रात में किया जा रहा है. हालांकि दिन में भी पोकलेन मशीन से आयरन और कोयला खाली करवाते देखा गया है. लिफ्टर द्वारा रेलवे रैक से जिस पोकलेन मशीन के द्वारा आयरनओर और कोयला खाली करवाया जा रहा है, उसमें भी 9 घंटा का समय लिया जा रहा है.
जबकि मेनुअल अनलोडिंग में भी 9 घंटा का समय मिलता है. मेनुअल कार्य में लगे मजदूर और जेसीबी मशीन वाले बेरोजगार हो रहे हैं उनमें काफी रोष है. ज्ञात हो कि आयरन और कोयला अनलोडिंग से क्षेत्र काफी प्रदूषित हो रहा है.
लेकिन लिफ्टर द्वारा प्रदूषण से निजात के लिए कोई ठोस उपाय नहीं किया जा रहा है. जिससे लोगों में आक्रोश तो है ही यहां के लोगों को परेशानी भी हो रही है.
क्या कहते हैं डीटीएम बरकाकाना
कुजू साइडिंग में अनलोडिंग में लगाये गये पोकलेन मशीन पर डीटीएम बरकाकाना प्रशांत सौरभ का कहना है कि पोकलेन मशीन लगाना गलत है. इससे रेलवे वैगन को काफी नुकसान पहुंचता है. पोकलेन मशीन से खाली कराये जाने की सूचना मिलती है तो उस पर कार्रवाई की जायेगी.
posted by : sameer oraon