गिद्दी. मजदूर नेता सह भाकपा माले नेता मिथिलेश सिंह की याद में भाकपा -माले ने बुधवार को गिद्दी में श्रद्धांजलि सभा की. सर्वप्रथम उनकी तस्वीर पर अतिथियों ने माल्यार्पण कर श्रद्धांजलि दी. भाकपा -माले के राष्ट्रीय महासचिव दीपंकर भट्टाचार्य ने कहा कि मजदूर नेता मिथिलेश सिंह ने 50 वर्षों के राजनीतिक सफर के बाद हमलोगों से विदा लिया है. यह पार्टी व मजदूर आंदोलन के लिए नुकसान है, लेकिन वह विरासत छोड़ कर गये हैं. इससे हमें प्रेरणा मिलती रहेगी. उन्होंने कहा कि 70 के दशक में देश के लोगों ने संक्षिप्त आपातकाल झेला है, लेकिन मौजूदा समय में अघोषित आपातकाल है. यह आपातकाल खतरनाक है. कोयला उद्योग से लेकर पूरे देश में निजीकरण का हमला है. उन्होंने कहा कि अलग झारखंड राज्य बना है. झारखंड के लोगों ने जिन सपनों को लेकर अलग राज्य की लड़ाई लड़ी थी, उससे आज काफी दूर है. उन्होंने कहा कि पिछले वर्ष मासस, भाकपा माले में विलय हुआ है. इसमें मजदूर नेता मिथिलेश सिंह की महत्वपूर्ण भूमिका रही थी. सभा में काराकाट के सांसद राजाराम सिंह, एटक के राष्ट्रीय अध्यक्ष रमेंद्र कुमार, भाकपा के महेंद्र पाठक, कांग्रेस के सीपी संतन, एनसीओइए के अरुण कुमार सिंह ने भी अपनी-अपनी बातें रखीं. इसकी अध्यक्षता मजदूर नेता बैजनाथ मिस्त्री ने की. संचालन आरडी मांझी ने किया. इस अवसर पर पूर्व विधायक विनोद सिंह, पूर्व विधायक जयप्रकाश भाई पटेल, भाकपा माले के पोलित ब्यूरो सदस्य हलधर महतो, शुभेंदु सेन, कन्हैया सिंह, मोहन दत्ता, राजेंद्र गोप, देवचंद महतो, धनेश्वर तुरी, सैनाथ गंझू, पच्चू राणा, गौतम बनर्जी, शशिभूषण सिंह, अमृत राणा, नीता बेदिया, देवकीनंदन बेदिया, हीरा गोप, सोहराय किस्कू, बसंत कुमार, सुंदरलाल बेदिया, राजनाथ यादव, शहीद अंसारी, शिवकुमार सिंह, चौहान, अजय सिंह, धनंजय सिंह, मीना देवी, जगरनाथ उरांव, गणेश मिस्त्री, बिजेंद्र प्रसाद, कौलेश्वर प्रजापति, रसका मांझी, राजकुमार लाल, अवधेश गुप्ता, त्रिलोकीनाथ, सियाराम साह, दशरथ करमाली, शंभु कुमार, अजीत प्रजापति, अनिता देवी केशरी उपस्थित थे.
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