राज्य में विस्थापन व नियोजन नीति नहीं बनने से विस्थापित परेशान : रोशनलाल

राज्य में विस्थापन व नियोजन नीति नहीं बनने से विस्थापित परेशान : रोशनलाल

By SAROJ TIWARY | June 13, 2025 11:06 PM
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सलाउद्दीन, रामगढ़ रामगढ़ प्रभात खबर कार्यालय में संवाद कार्यक्रम का आयोजन किया गया. इसमें बड़कागांव के भाजपा विधायक रोशनलाल चौधरी शामिल हुए. कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि राज्य में विस्थापन व नियोजन नीति नहीं बनने के कारण सीसीएल, एनटीपीसी व अन्य कंपनियों की मनमानी बढ़ गयी है. रैयत विस्थापित के साथ न्याय नहीं हो रहा है. मुआवजा व स्वामित्व को लेकर संघर्ष बढ़ रहा है. डीएमएफटी फंड में जन प्रतिनिधियों के सुझाव का सम्मान नहीं हो रहा है. रोशनलाल चौधरी ने विधायक के रूप में विधानसभा क्षेत्र की प्राथमिकता व विधानसभा में उठाये गये जन उपयोगी मुद्दों पर खुल कर अपनी बातें रखीं. राज्य में जनगणना के साथ परिसीमन भी होना चाहिए : झारखंड में जनगणना के साथ परिसीमन का भी काम होना चाहिए. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जातीय जनगणना कराने की घोषणा की है. संयुक्त बिहार के समय परिसीमन और आरक्षण हुआ था. इसे नये सिरे से करने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि झारखंड में भाजपा, आजसू व जद यू में तालमेल है. इसमें जो कमी है, उसे दूर कर लिया जायेगा. बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में सरकारी कॉलेज नहीं है. मान्यता प्राप्त कॉलेज है. स्कूल व कॉलेज में संसाधनों की भी कमी है. राज्य सरकार का ध्यान इस ओर नहीं है. विधायक ने कहा कि पतरातू में 11 हजार व 33 हजार बिजली का तार घनी आबादी वाले क्षेत्र व पर्यटन स्थल मार्ग से गुजरा है. इससे कभी भी बड़ी दुर्घटना हो सकती है. पेड़ की टहनियों से तार सटे हुए हैं. इसमें सुधार के लिए बिजली विभाग के अधिकारियों का ध्यान दिलाया गया है. स्वास्थ्य केंद्रों में कर्मचारी की कमी है : स्वास्थ्य केंद्रों में चिकित्सक, स्वास्थ्यकर्मी व संसाधन की कमी है. एंबुलेंस का इस्तेमाल नहीं होता है. झारखंड में जो भी विकास की योजनाएं अभी दिख रही हैं, वह केंद्र संचालित योजनाएं हैं. केंद्र से जो राशि राज्य सरकार को दी जा रही है, उसका इस्तेमाल नहीं हो पा रहा है. राज्य में सिर्फ मंईयां सम्मान योजना ही चल रही है. योजनाओं को चलाने के लिए विभागों को पैसा नहीं मिल रहा है. पूरे राज्य में पेयजल की योजनाएं विफल हैं. करोड़ों की लागत से बनी पेयजल योजना से पानी की सप्लाई नहीं हो रही है. उन्होंने कहा कि झारखंड सरकार की नीति स्पष्ट नहीं है. राज्य में बालू की समस्या होने वाली है. उरीमारी क्षेत्र की तीन पंचायतों में आदिवासियों का विस्थापन अधिक हुआ है : झारखंड लोकतांत्रिक क्रांतिकारी मोर्चा के सुप्रीमो जयराम महतो ने झारखंड के युवाओं के साथ जो वादा किया था, उसे पूरा करें. झारखंड की राजनीतिक को दिग्भ्रमित करने का काम किया है. विधानसभा के पटल पर लगातार जन सरोकार के मुद्दों को उठाया जा रहा है. पतरातू प्रखंड की कोतो पंचायत के जीएम लैंड व तालाटांड़ वन भूमि पर अतिक्रमण हो रहा है. उरीमारी क्षेत्र की तीन पंचायतों में आदिवासियों का सबसे अधिक विस्थापन हुआ है. सरकार इन लोगों के नियोजन पर ध्यान नहीं दे रही है. विधि-व्यवस्था का भी हाल बड़कागांव विधानसभा क्षेत्र में ठीक नहीं है. चोरी, डकैती, रंगदारी बढ़ गयी है.

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