कैलाश मानसरोवर की मुक्ति और तिब्बत की आजादी को लेकर निकली है यात्रा चितरपुर. कैलाश मानसरोवर दर्शन और तिब्बत की स्वतंत्रता के लिए वाराणसी से निकली तिब्बत मुक्ति यात्रा शनिवार को मां छिन्नमस्तिका मंदिर, रजरप्पा पहुंची. मां की पूजा-अर्चना के बाद यात्रा पुनः बिहार की ओर प्रस्थान कर गयी. यात्रा का समापन 30 जुलाई को वाराणसी में होगा. यात्रा के संयोजक व भारत-तिब्बत मैत्री संघ उत्तरप्रदेश के महासचिव डॉ अंजनी कुमार मिश्र ने बताया कि चीन द्वारा तिब्बत पर कब्जा करने के बाद कैलाश मानसरोवर को आर्थिक शोषण का माध्यम बना दिया गया है. भारतीयों को अब वहां जाने के लिए वीजा, पासपोर्ट और भारी शुल्क चुकाना पड़ता है. यह धार्मिक स्वतंत्रता का उल्लंघन है. यात्रा में शामिल तिब्बत देश पत्रिका के संपादक प्रो श्यामनाथ मिश्र ने कहा कि तिब्बत की आजादी भारत की सुरक्षा के लिए भी अत्यंत आवश्यक है. चीन अब भारत की सीमा से लग चुका है और लगातार अस्थिरता फैलाने की कोशिश कर रहा है. इस यात्रा में उत्तर प्रदेश, बिहार और झारखंड के विभिन्न जिलों से लगभग 40 प्रबुद्ध लोग शामिल हैं. इनमें संगम कुमार सिंह, अजय कुमार सिंह, रंजन कुमार सिंह, सोनू कुमार, सोनाली कुमारी, निकू, बबीता देवी प्रमुख हैं. यात्रा सुरुचि कला समिति के सहयोग से संचालित की जा रही है.
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