उरीमारी. सीसीएल के बरका-सयाल क्षेत्र में 19 मई को सीबीआइ व विजिलेंस की संयुक्त रेड के बाद अब जांच का दायरा बढ़ने लगा है. सीबीआइ ने जीएम ऑफिस के अलावा उरीमारी, बिरसा व सयाल परियोजना कार्यालय में छापामारी की थी. परियोजना पदाधिकारियों समेत रोड सेल, कांटा घर व सेल्स डिपार्टमेंट से जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों से करीब 15 घंटे तक पूछताछ के बाद कार्यालय से कागजात व कई लोगों के मोबाइल जब्त किये गये थे. मोबाइल में बैंकिंग व यूपीआइ के बड़े ट्रांजेक्शन मिले थे. इसके बाद भ्रष्टाचार के इस मामले में सीबीआइ ने जांच का दायरा आगे बढ़ाना शुरू कर दिया है. ट्रांजेक्शन का डिटेल प्राप्त करने के लिए सीबीआइ ने क्षेत्र के विभिन्न संबंधित बैंकों को लेटर दिया है. बैंकों ने भी सीबीआइ का पत्र मिलने के बाद ट्रांजेक्शन डिटेल्स को एकत्र करना शुरू कर दिया है. सीबीआइ के इस कदम से यह बात साफ होने लगी है कि जब्त मोबाइलों में भ्रष्टाचार के पुख्ता सबूत मिले हैं. बड़े ट्रांजेक्शन फिलहाल जांच के दायरे में है. यदि ट्रांजेक्शन आपत्तिजनक मिलता है, तो संबंधित अधिकारी या कर्मचारी की परेशानी बढ़ जायेगी. फिलहाल रोड सेल व कांटा घर से सीधे तौर पर जुड़े अधिकारियों व कर्मचारियों की नींद उड़ी हुई है. बुधवार को भी क्षेत्र के विभिन्न कार्यालयों में लोगों की कम आवाजाही रही. अधिकारी व कर्मचारी समय से कार्यालयों में देखे गये. अवांछित तत्वों का भी जमावड़ा कार्यालयों में नहीं दिखा. मालूम हो कि बरका-सयाल क्षेत्र में संचालित होनेवाले रोड सेल व कांटा घरों में कोयले के ग्रेड व वजन में हेराफेरी कर भ्रष्टाचार किया जाता है. यह पूरा खेल किसी अकेले व्यक्ति से संभव नहीं है. इसमें ऊपर से लेकर नीचे तक एक संगठित नेटवर्क काम करता है. भ्रष्टाचार के लाभ में सभी की हिस्सेदारी तय रहती है. यही वजह है कि इस पूरे मामले को सीबीआइ की टीम गंभीरता से खंगालने में जुटी है.
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