रांची (प्रमुख संवाददाता). झारखंड में एक भी जिला निर्वाचन पदाधिकारी, डीइओ या सीइओ कार्यालय के समक्ष मतदाता सूची में संशोधन के लिए अपील लंबित नहीं है. भारत का चुनाव आयोग इसे राज्य की मतदाता सूची से मतदाताओं की शत-प्रतिशत संतुष्टि के रूप में देखता है. झारखंड में मतदाताओं की कुल संख्या लगभग 2.62 करोड़ है. राज्य में 29 हजार से भी अधिक बूथ लेबल अधिकारी घर-घर जाकर मतदाता सूची का विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण कार्यक्रम कर सूची में पंजीकृत निर्वाचकों को सत्यापित व नये निर्वाचकों का पंजीकरण करते हैं. इस दौरान बूथ लेवल एजेंट्स भी बूथ स्तर पर मतदाता सूचियों को सत्यापित करने का कार्य करते हैं. चुनाव आयोग के निर्देश पर हर मतदान केंद्र पर एक बूथ लेबल अधिकारी नियुक्त किया जाता है. साथ ही सभी बूथों पर हर राजनीतिक दल को बूथ लेबल एजेंट नामित करने का अधिकार दिया गया है. 18 वर्ष से अधिक उम्र का कोई भी भारतीय नागरिक निर्वाचक बन सकता है. मतदाता के रूप में नाम जोड़ने के लिए फॉर्म छह, मतदाता सूची से नाम हटाने के लिए फार्म सात व मतदाता सूची में प्रविष्टि में सुधार करने के लिए फॉर्म आठ का इस्तेमाल किया जाता है. बूथ लेबल अधिकारी आवेदन का सत्यापन करते हैं. मतदाता सूची पर निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी (ईआऱओ) संशोधन करने पर अंतिम निर्णय लेते हैं. निर्वाचक निबंधन पदाधिकारी के मतदाता सूची में नाम जोड़ने या संशोधन के निर्णय परआपत्ति होने पर जिला निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष प्रथम अपील और जिला निर्वाचन पदाधिकारी के निर्णय के विरुद्ध राज्य के मुख्य निर्वाचन पदाधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील भी दायर की जा सकती है.
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